कुरूद मार्ग पर किसानों का 6 घंटे चक्काजाम, अधिकारियों पर लगाया लापरवाही का आरोप, पूर्व विधायक भी पहुंचे समर्थन में, वीडियो

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– गंगरेल बांध से पानी छोड़े जाने के बाद महानदी के तटीय गांवों के खेतों में पानी घुसने से भड़के रायपुर और धमतरी जिले के किसानों ने नवापारा से कुरुद मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। किसानों ने लगभग 6 घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों जिले के अधिकारी उन्हे समझाने का प्रयास करते रहे। किसानों ने बरसते पानी के बीच भी जाम जारी रखा और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
फसल डूबने से नाराज धमतरी और रायपुर जिले के दुलना, पटेवा, कठौली, धुमा ग्राम के किसानों ने कुरुद- नवापारा मार्ग पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक लगभग 6 घंटे तक सड़क जाम कर दिया। इस दौरान दोनों ओर गाड़ियों की लंबी लाइन लगी रही।
किसानों का कहना है कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण लगभग 800 से 900 एकड़ की खड़ी फसल में पानी घुस गया है। धान की फसल इस वक्त पकने की कगार पर है ऐसे में फसल पानी में डूबने से फसल पूरी तरह खराब हो गई। विभाग की लापरवाही से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
दुलना एनीकेट को तोड़ने की मांग
किसानों ने जल संसाधन विभाग पर आरोप लगाया कि बरसात में भी दुलना एनीकेट का गेट बंद रहने के चलते पानी की निकासी नहीं हो पा रही है, जिससे तटीय इलाकों के खेतों में पानी भर गया है। वे कई वर्षों से इसका दंश झेल रहे है हर साल इस तरह की नौबत आ जाती है। वे दुलना एनीकेट को तोड़ने की मांग पर अड़े रहे।
सूचना मिलते ही नवापारा पुलिस, भखारा टीआई, कुरूद तहसीलदार दुर्गा साहू, नायब तहसीलदार छत्रपाल चंद्राकर, गोबरा नवापारा नायब तहसीलदार मंडन, जल संसाधन विभाग अभनपुर के अनुविभागीय अधिकारी रजत अग्रवाल और धमतरी, कठौली के पटवारी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक सड़क जाम की स्थिति बनी रही। इस बीच बारिश होने पर भी किसान अपनी मांगों को लेकर डटे रहे।
किसानों ने अधिकारियों से कहा कि एनिकेट बनने के बाद यह स्थिति हर साल बन रही है। अधिकारी आते है और केवल आश्वासन देकर चले जाते है। मुआवजे के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है। इसलिए एनिकेट को तोड़ना ही इसका एक मात्र उपाय है। उन्होंने विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि बरसात में जब पानी पर्याप्त होता है तब गेट बंद रहता है और जब गर्मी में पानी की जरूरत होती है तो रेत खनन करने गेट खोल कर पानी बहा दिया जाता है। ऐसे में इस एनिकेट का उपयोग नहीं हो रहा है केवल हम किसानों को इससे बर्बादी मिल रही है।
समर्थन में पहुंचे पूर्व विधायक
अभनपुर विधानसभा के पूर्व विधायक धनेन्द्र साहू भी सूचना मिलने पर किसानों का समर्थन करने आंदोलन स्थल पहुंचे। उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार में हमने प्रस्ताव बनकर शासन को भेज दिया था लेकिन इतनी गंभीर समस्या के बाद भी भाजपा सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जबकि भाजपा की सरकार बने लगभग दो वर्ष होने को है। जिससे स्थिति इतनी गंभीर हो गई है। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या के समाधान की मांग की।
इन मांगों पर मिला आश्वासन
शाम 5 बजे गोबरा नवापारा तहसीलदार विक्रांत सिंह राठौर मौके पर पहुंचे। आधे पौन घंटे की समझाईस के बाद ग्रामीणों ने पानी निकासी की व्यवस्था बनाने, डूबान प्रभावित क्षेत्र का उचित मुआवजा एमएसपी के अनुसार दिए जाने और जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारियों की उपस्थिति में सर्वे किए जाने की मांग रखी। जिसके बाद तहसीलदार के लिखित आश्वासन के बाद चक्का जाम को समाप्त किया गया। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर यह मांगें पूरी नहीं होती तो ग्रामीण फिर से आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
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