Ganesh Chaturthi 2023 :जानिए गणपती को घर लाने का उत्तम मुहूर्त और पूजन विधि ,चतुर्थी पर ना करे ये काम

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज ) :- गणेश चतुर्थी का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। गणेश चतुर्थी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान श्री गणेश को समर्पित है। यह त्यौहार पूरे देश में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन को भगवान गणेश की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।

मान्यताओ के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर 2023 को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला है। वैसे तो चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को ही लग जाएगी लेकिन उदया तिथि के अनुसार  19 सितंबर को ही गणपती की स्थापना की जाएगी ।

यह त्योहार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इस त्यौहार को गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है और पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । भगवान गणेश बुद्धि, धन और भाग्य के देवता है।

गणेश चतुर्थी 2023 स्थापना के लिए शुभ समय

चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 18 सितंबर, 2023 – 12:39 अपराह्न

चतुर्थी तिथि समाप्त – 19 सितंबर, 2023 01:43 अपराह्न

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 10:27 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक 19 सितंबर 2023

चतुर्थी पर ना करे ये काम

पौराणिक मान्यता के अनुसार चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रमा को देखने से बचना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रमा के दर्शन करने से व्यक्ति मिथ्या दोष या श्राप से पीड़ित हो सकता है।

साथ ही गणेश जी को तुलसी पत्र अर्पित नहीं करना चाहिए इससे भी गणेश जी नाराज हो जाते है पौराणिक कथा है कि गणेशजी ने तुलसी माता का विवाह प्रस्ताव स्वीकार कर दिया था इससे नाराज होकर तुलसी ने श्राप दिया कि आपका दो विवाह हो जाए शायद यही वजह है कि गणेश जी मे तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता ।

गणेश जी की स्थापना विधि और पूजन

गणेश चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक गणपति की स्थापना करनी चाहिए सर्वप्रथम एक चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर  गंगाजल से अभिषेक करें। थोड़े चावल की ढेरी बना कर उसके उपर गणेश की मूर्ति स्थापित करे । गणेश जी का आव्हान करे । फिर गंगाजल से पवित्र कर वस्त्र, फूल, माला, जनेऊ आदि से उनका शृंगार कर अक्षत् , हल्दी, पान का पत्ता, सुपारी, चंदन, धूप, दीप, नारियल आदि से पूजन करे ।गणपती को दूर्वा अर्पित कर मोदक या लड्डू का भोग लगाएं । पूजन के दौरान ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। फिर गणेश जी की आरती करें ।

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