सावन का पहला सोमवार: क्षेत्र के शिव मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव, प्रथम दिवस हुआ 68 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण
श्री कुलेश्वरनाथ, भूतेश्वरनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– सावन का महीना शुरू होते ही शहर में शिव भक्तों के चेहरों पर एक अलग ही चमक देखने को मिली। सावन के पहले सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज कहे जाने वाले धार्मिक नगरी राजिम के त्रिवेणी संगम पर स्थित भगवान कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से श्रद्धालु अपने परिवार और बच्चों के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करने पहुंचते रहे। वहीं दद्दा शिष्य मंडल के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 68 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण, पूजन और विसर्जन किया गया।
श्री कुलेश्वर नाथ बाबा का दरबार हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजता रहा। मंदिर में भीड़ को देखते हुए पुजारियों ने क्रमवार दर्शन की व्यवस्था की थी। महिलाएं और युवतियां पूरे विधि-विधान से भोलेनाथ को दूध और पवित्र जल से स्नान कराकर आरती और भोग लगाती नजर आईं। भगवान शिव के प्रिय कनेर के फूल, धतूरा, बेल, बेलपत्र भी खूब चढ़ाए गए। पुरूषों के अलावा महिलाओं व युवतियों की भक्ति देखने लायक थी।
इसी तरह राजिम शहर के बाबा गरीबनाथ महादेव मंदिर में भी सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी रही। इसके अलावा नवापारा के राधाकृष्ण मंदिर, गरियाबंद के भूतेश्वर नाथ, राजिम के मामा भांजा मंदिर, ब्रह्मचर्य आश्रम, सोमेश्वर नाथ, पंचकोशी के कोपेश्वर नाथ, फणेश्वर नाथ, ब्रह्मणेश्वर नाथ, पाटेश्वर नाथ, चंपेश्वर नाथ मंदिरों में भी भक्तों ने सुबह से ही भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के साथ जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया। ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में भी लोग दर्शन पूजन व जलाभिषेक करते रहे।
प्रथम दिवस 68 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण
नगर के राधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में दद्दा शिष्य मंडल के द्वारा आयोजित पार्थिव शिवलिंग निर्माण का यह 4 था वर्ष है। नगर में कुछ वर्षों पहले जब दद्दाजी नगर में पधारे थे, तब उनके मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया था, जो नवापारा नगर का रिकार्ड है। इसके पहले सामूहिक रूप से नवापारा नगर में पार्थिव शिव लिंग का निर्माण नही किया गया था। उस समय पूरा नगर ही नही बल्कि पूरा अंचल शिवमय हो गया था।
उन्ही के आदेश से दद्दा शिष्य मंडल द्वारा पिछले 4 वर्षों से इस भक्तिमय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में शिवलिंग निर्माण के लिए कोपरा, मिट्टी की गोलियां, दुध, दही, बिल्वपत्र एवं पूजन सामग्री भी भक्तों को दी जाती है। पार्थिव शिवलिंग निर्माण के बाद देवेंद्र महाराज के निर्देशन में 5 ब्राम्हणों द्वारा पुरे विधि विधान से अभिषेक एवं आरती करवाई जाती है। पूजन पश्चात पार्थिव शिवलिंग सिर पर धारण कर क्रमबद्ध होकर त्रिवेणी संगम में विसर्जन किया जाता है।
कार्यक्रम में आज पहले सोमवार ही भक्तों की भीड़ के कारण समय से पहले मिट्टी की गोलियां समाप्त हो गई। जिससे 68301 पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर पूजन अर्चन किया गया। आयोजको द्वारा दूसरे सोमवार 21 जुलाई को अधिक से अधिक संख्या मे शिव भक्तों से शामिल होने अपील की है। कार्यक्रम प्रातः 10 बजे से आयोजित किया जा रहा है।
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