राजिम कुंभ कल्प मेला में लगा विभिन्न विभागों का स्टॉल: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की दी जा रही जानकारी

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राजिम कुंभ कल्प मेला में शासन की योजनाओं की जानकारी देने विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाया गया है। नवीन मेला मैदान में विशाल डोम में गरियाबंद जिले का भी स्टॉल लगा हुआ है। यहां एक स्टॉल में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना संबंधित जानकारी दी जा रही है, जहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यह योजना पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों की सहायता के लिए हैं।
स्टॉल मे उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियो की टीम ने योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि शिल्पकारों और कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई थी। यह भारत सरकार की एक बेहद ही शानदार स्कीम है। इस स्कीम के जरिए सरकार देश के गरीब कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनको स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना चाहती है। इस स्कीम के अंतर्गत शिल्पकारों और कारीगरों को कई लाभ मिलते हैं।
शिल्पकारों और कारीगरों को मिलेगा लाभ
बताया गया कि इस योजना के तहत पंजीकरण तिथि पर आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेंगे। शासकीय सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्य पात्र नहीं होगें। इस योजना में कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौडा और टूल की निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलियॉ, चटाई और झाडू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली जाल बनाने वाले को मिलेगा।
15 दिनों के ट्रेनिंग के साथ मिलती है स्टाइपेंड
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल ट्रेनिंग देती है। यह ट्रेनिंग 15 दिनों के लिए होती है। ट्रेनिंग के समय हर दिन उनको 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाता है। ट्रेनिंग जब खत्म हो जाती है तो कारीगरों और शिल्पकारों को टूलकिट खरीदने के लिए एकमुश्त 15 हजार रुपये दिए जाते हैं।
लाभार्थी को मिलेगा लोन
योजना के अंतर्गत पंजीकरण कराने पर पी.एम विश्वकर्मा पहचान पत्र आईडी जारी होगा। लाभार्थी सीएससी सेंटर, पी.एम विश्वकर्मा योजना पोर्टल, मोबाइल ऐप पर आधार ऑथेंटिकेशन के माध्यम से पंजीयन कर सकते है। पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत लाभार्थी को कुल 3 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। लोन को कुल 2 चरणों में दिया जाता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। वहीं दूसरे चरण में व्यवसाय के विस्तार के लिए 2 लाख रुपये का लोन दिया जाता है।
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