तहसीलदार संघ ने सौंपा ज्ञापन: इन 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 जुलाई से चरणबद्ध हड़ताल की तैयारी

चौथे चरण में अगर सरकार कोई पहल नहीं करती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– ‘‘संसाधन नहीं तो काम नहीं’’ के सिद्धांत पर आधारित छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने की तैयारी कर रहा है। बताया गया कि यदि 26 जुलाई 2025 तक उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई तो संघ द्वारा 28 जुलाई 2025 से चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

संसाधनों की कमी के चलते तहसीलदारों को होती है समस्याएं

बताया गया कि तहसील कार्यालयों में पदस्थ तहसीलदारों को संसाधनों, मानव संसाधन, तकनीकी सुविधाओं, सुरक्षा, शासकीय वाहनों की अत्यधिक कमी और प्रशासनिक सहयोग की अनुपलब्धता के कारण कार्य के क्रियान्वयन में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके संबंध में छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने समय-समय पर विभाग और सरकार को इन समस्याओं से अवगत भी कराया है। लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है।

चार चरणों में हो रहा आंदोलन

कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और संचालक राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को ज्ञापन दिया है। संघ ने बताया कि पहले चरण में 17 जुलाई को जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है। दूसरे चरण में 21 से 26 जुलाई तक निजी संसाधनों से काम बंद रखा गया है।

तीसरे चरण में 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 29 जुलाई 2025 को संभाग और प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 30 जुलाई 2025 को प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। चौथे चरण में अगर सरकार कोई पहल नहीं करती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।

जानिए संघ की 17 सूत्रीय मांगें

संघ ने बताया कि उनकी 17 सूत्रीय मांगों में सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया, नायब तहसीलदार पद का राजपत्रीकरण करने की मांग, ग्रेड पे में तत्काल सुधार, शासकीय वाहन की उपलब्धता, निलंबन से बहाली, न्यायिक प्रकरणों में आदेशों की पालना, न्यायिक आदेश पर एफआईआर दर्ज न करने, न्यायालय में उपस्थिति की व्यवस्था, मानदेय भुगतान एवं नियुक्ति, प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति, एसएलआर एवं एएसएलआर की बहाली, व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता, सुरक्षाकर्मी, सड़क दुर्घटना मुआवजा की व्यवस्था, संघ की मान्यता, विशेषज्ञ समिति का गठन शामिल है।

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