हत्यारों का निकला आतंकियों के साथ कनेक्शन, मोबाइल लैपटॉप से मिले कई अहम सबूत, छत्तीसगढ़ मे पहली बार लगा UAPA एक्ट

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ मे हुए हत्याकांड के मामले मे पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है । बता दे कि कबीरधाम जिले में लगभग एक महीने पहले एक गौ सेवक साधराम यादव की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अयाज खान है जिसके आंतकवादी संलिप्तता मे शामिल होने का खुलासा पुलिस ने किया है। सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
आपको बता दे कि 20 जनवरी को कवर्धा मे लालपुर नर्सरी के पास साधराम यादव (50) की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। जिसकी लाश लालपुर कला गांव की नर्सरी के पास 21 जनवरी को मिली थी। इस हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया था। मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से एक नाबालिग है।
आरोपियों के खिलाफ आंतकवादी संलिप्तता के तहत कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि, मुख्य आरोपी अयाज खान के मोबाइल और लेपटॉप में कई ऐसे अहम सबूत मिले हैं। जो उसकी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की तरफ इंगित करते हैं। अब पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह प्रदेश का पहला मामला होगा जिसमें UAPA एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों के खिलाफ आंतकवादी संलिप्तता के तहत कार्रवाई की गयी है।
इस मामले पर खुलासा करते हुए एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि मुख्य आरोपी अयाज खान की जब सघन जांच की गई तो उसके मोबाइल, लैपटॉप और ट्रेवल हिस्ट्री से हमें पता चला कि, वह लगातार कश्मीर आता जाता रहता था। वहाँ उसका मिलना जुलना ऐसे लोगों के साथ था जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे।
हिंदू समुदाय को आतंकित करना था उद्देश्य
उन्होंने आगे कहा कि, 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन था। ऐसे में इनका उद्देश्य हिंदू समुदाय को आतंकित करना था। साथ ही इनके हत्या करने का तरीका ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों से मिलता जुलता है। इनका उदेश्य भय कायम करना था। अब इन सभी आरोपियों खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज था अब आतंकवादी मामले में संलिप्तता के चलते UAPA के तहत मामला और दर्ज किया गया है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है।
क्या है UAPA
UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) की धारा-16 आतंकी गतिविधियों मे संलिप्त होने पर लगाया जाता है । इसमें आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है। अगर ऐसे कार्य के द्वारा किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान है ।
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