दिवंगत हेमा सिंह के पिता पहुँचे धरना स्थल, शिक्षिका कलेक्टर को ज्ञापन देकर लौटते वक़्त हुईं थीं हादसे का शिकार
सेवा-सुरक्षा की माँग को लेकर धरने पर बैठे 3000 बीएड सहायक शिक्षकों का आज तूता पर आठवाँ दिन
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- अम्बिकापुर और बस्तर से पैदल चलकर 3000 बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षक अपनी सेवा-सुरक्षा की माँग को लेकर विगत आठ दिनों से रायपुर तूता धरना स्थल पर बैठे हैं। आंदोलन के दौरान सड़क हादसे की शिकार स्व. शिक्षिका हेमा सिंह के पिता देवनारायण सिंह आज धरना स्थल पर पहुँच कर बेहद भावुक क्षणों में साथी शिक्षकों को अपना आशीर्वाद तथा समर्थन दिया।
कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के दौरान हुआ था सड़क हादसा
तीन माह पूर्व बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षिका हेमा सिंह तँवर एक दर्दनाक सड़क हादसे का शिकार हो गईं थी। यह दुर्घटना इतनी भीषण थी कि घटनास्थल पर ही उनका देहांत हो गया था। स्वर्गीय शिक्षिका हेमा सिंह, प्रा. शा. कोटवारपारा श्यामगिरी, वि. खं. कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में पदस्थ थीं। मूलतः ग्राम पुरैना, जिला चाम्पा की निवासी स्व. हेमा सिंह का चयन सीधी भर्ती परीक्षा (2023) के तहत सहायक शिक्षक पद पर हुआ था।
दरअसल कुछ माह पूर्व प्राथमिक स्कूल हेतु बीएड प्रशिक्षण की मान्यता न्यायालय द्वारा रद्द कर दी गई थी, जिसकी वजह से 2900 बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की नौकरी पर ख़तरा मंडराने लगा था। प्रदेश के सभी बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की रणनीति बनाई थी। हेमा सिंह भी अपने साथी शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने गई थी, वापस लौटते वक्त सड़क हादसे का शिकार हो गईं।
भावुक हुए पिता, कहा “सिम्मी की माँ ने मुझे भेजा”
जांजगीर चाम्पा से तूता पहुँचे स्व. हेमा सिंह के पिता देवनारायण सिंह ने तीन माह पूर्व हुए हृदयविदारक घटना को याद करते हुए बिलख पड़े। कहा, “सिम्मी (स्व. हेमा सिंह) की माता बेहद चिंतित हैं, हमारी बच्ची तो नौकरी के चलते ईश्वर को प्यारी हो गईं, ये 3000 बच्चे भी हमारे ही बच्चे हैं, इनके भविष्य का क्या होगा। आप हर जाव, लईका मन के कार्य ला सफ़ल करौ।” उनकी चिंता को देखकर मैं यहाँ आया हूँ। सरकार से निवेदन करते हुए उन्होंने कहा कि इन निर्दोष बच्चों के भविष्य को देखते हुए सकारात्मक निर्णय लें।
द्रवित हुए सहायक शिक्षक
शोकसंतप्त माता-पिता की सहृदयता देख, धरना स्थल पर मौजूद सहायक शिक्षक भी द्रवित हो उठे। अपनी साथी स्व. हेमा सिंह के बलिदान को याद कर सभी ने मौन धारण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। धरना स्थल पर पहुँचकर आशीर्वाद प्रदान करने के लिए सहायक शिक्षकों ने करुण भाव से देवनारायण का आभार व्यक्त किया।
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