गौरा-गौरी पर्व में भगवान शिव की बारात निकालकर निभाई गई पुरातन परंपरा, सोंटा से लिया आशीर्वाद

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा-राजिम में दीपों के पर्व दीपावली जहां धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा और आतिशबाजी के बीच हर्षोल्लाश से मनाया गया। वहीं ग्रामीण तथा शहरी अंचलों में इस दिन का रंग रूप कुछ और दिखाई दिया। यहां दीपावली का अर्थ केवल दिए की जगमगाहट नहीं बल्कि लोक परंपराओं की जीवंत झांकी भी देखने को मिलती है जिसमें नगर सहित अंचल में दीपावली के पर्व पर गौरा-गौरी महोत्सव का आयोजन किया गया। 

इस लोक पर्व में ग्रामीण तथा शहरी लोग भगवान शिव ( गौरा ) और माता पार्वती ( गौरी ) की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर मनमोहक झांकी निकाली गई और झांकी परंपरा मादर की थाप तथा गाजे बाजे के साथ पूरे गांव में घूमाते नजर आये और फिर गांव के बीच चौक में स्थापित की गई। परंपरा के अनुसार गौरा गौरी की शादी की रस्म समाज के लोगो के द्वारा निभाई गई। गांव के स्त्री-पुरुषों, युवक- युवतियो और बैगा समाज मिलकर पारंपरिक गीत और पूजा अर्चना के माध्यम से गौरा गौरी को जगाते रहे। यह अनुष्ठान केवल एक रात का ही होता है। जिसमें कई लोग भगवान गौरा गौरी के पास रहकर खड़खड़िया खेलते हुए नजर आते हैं और रात जागरण करते हैं।

बहुर राम ध्रुव एवं जगतराम निर्मलकर ने बताया कि इस पर्व को भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। आदिवासी गोड समाज द्वारा इस आयोजन को विशेष रूप से मनाते हैं क्योंकि उनके विश्वास में शिवजी को बुडा देव के रूप में पूजा जाता है।

सोंटा से लिया आशीर्वाद

जब देवी देवता नगर तथा ग्रामीणजन के शरीर में विराजमान होते हैं तो एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है। कई लोग अपने दोनों हाथों की कलाइयों में सोंटा लेते हुए एवं नाचते झुमते हुए भगवान गौरा गौरी का विसर्जन करने पहुचतें है। लक्ष्मी पूजा पश्चात गौरी-गौरा की स्थापना की गई।

पूरी रात लोगों ने ढ़ोल बाजे के साथ परंपराओं के साथ पूजन विधान किया। सोमवार सुबह बारात निकाल कर धूमधाम से विसर्जन किया गया। भक्तों ने कुश से बने सुटी (रस्सी ) से सोंटा लेकर आशीर्वाद लिया। बारात के दौरान लोगो ने अपने घर के द्वार पर गौरी-गौरा की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद मांगा। सिर पर शिव-पार्वती (गौरा-गौरी) की मूर्ति को धारण कर साधक संकल्प लिये मार्ग पर लेटे भक्तों के ऊपर से नदी तट के लिये रवाना हुए, जहां सुबह विसर्जन किया गया।

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