जिले के चार गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई, शिक्षक के घर से भी मिली गर्भपात की दवाइयाँ
दो अवैध क्लिनिक सील, दो को कारण बताओं नोटिस
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त टीम ने बुधवार को फिंगेश्वर ब्लॉक के कई गांवों छापेमार कार्रवाई कर दो अवैध क्लीनिक को सील किया है। साथ ही दो संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। छापामारी के दौरान ये सभी क्लिनिक नियम विरुद्ध संचालित पाए गए।
इस दौरान टीम ने यहां से बड़ी मात्रा में दर्द के इंजेक्शन, एक्सपायरी दवाइयां, प्रेगनेंसी कीट, अबॉर्शन कीट, एंटीबायोटिक भी बरामद किए है। जिसे जप्त कर लिया गया। इसके अलावा मौके पर कई ऐसी दवाइयां भी मिली है जो विशेषज्ञ डॉक्टर के सलाह के बिना नहीं दी जा सकती। कार्रवाई के बाद झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों से पता चला की कार्रवाई की भनक लगते ही कई झोलाछाप डॉक्टर पहले ही अपनी दुकान बंद कर भाग निकले थे।
इन गांवों में छापेमार कार्रवाई
लगातार इसकी शिकायत मिलनें के बाद बुधवार को जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ गार्गी यदुपाल के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम ने फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम लचकेरा, रजनकट्टी, कोसमबुढ़ा और भेंडरी में औचक छापेमार कार्रवाई की।
कार्रवाई के दौरान ग्राम लचकेरा में राजूराम साहू अपने घर में, रजनकट्टी में रविशंकर साहू, कोसमबुढ़ा में वीरेंद्र महलदार और ग्राम भेंडरी में जागेश्वर साहू अपने घर में अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन करते पाए गए। इनके घर से बड़ी संख्या में एक्सपाइरी दवाइयां, इंजेक्शन, प्रेगनेंसी कीट सहित कई प्रकार के दवाइयां बरामद हुई है।
जागेश्वर साहू पेशे से सरकारी शिक्षक
बताया जा रहा है कि इसमें भेंडरी निवासी जागेश्वर साहू पेशे से सरकारी शिक्षक है। इसके बाद भी अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए। संयुक्त टीम में दो क्लिनिक को सील करते हुए उनसे दोबारा अवैध क्लिनिक संचालित नहीं करने का शपथ पत्र भी लिया। इसके अलावा दो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस दौरान संयुक्त टीम में शिशू रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकुश वर्मा, डीएचओ डॉक्टर लक्ष्मीकांत जांगड़े, डॉक्टर सुनील रेड्डी के साथ ही फिंगेश्वर थाना से एएसआई सोमेश्वर ठाकुर भी शामिल थे।
विगत कुछ वर्षों से जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। गांव-गांव में झोला छाप डॉक्टरों का जाल बिछा हुआ है। ये झोला छाप डॉक्टर ग्रामीण अंचल में अवैध रूप से निजी क्लीनिक संचालित कर स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर मरीजों की जेब काट रहे हैं साथ ही मरीजों की जान से खिलवाड़ भी कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग दलालों के चक्कर में आकर कुकुरमुत्ते की तरह गांव गांव में चल रहे अवैध क्लीनिक का ही सहारा लेते है और अपनी जेब ढीली कर कई बार अपनी जान भी जोखिम में लगा बैठते है।
एक्सपाइरी दवाइयां भी जप्त
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गार्गी पाल यदु ने बताया कि लंबे समय से अवैध क्लिनिक संचालन की सूचना मिली थी। टीम बनाकर छापेमार कार्रवाई की गई, जिसमें चार क्लिनिक अवैध रूप से संचालित पाए गए। दो को सील किया गया है। क्लिनिक में एक ही इंजेक्शन का उपयोग कई मरीजों पर किया जा रहा था। कई एक्सपाइरी दवाइयां भी जप्त की गई है।
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