अघोषित बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से नगरवासी परेशान, कार्यपालन यंत्री ने बताई ये वजह

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- नवापारा नगर सहित क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। बरसात के पहले मेंटेनेंस कार्य पूर्ण होने के बाद भी नगर में आए दिन अघोषित रूप से बिजली कटौती कर दी जा रही है। नगर में विद्युत व्यवस्था को लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी ज्ञापन सौंपा था, लेकिन इस पर सुधार नहीं होने के कारण लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
बीच बीच में बारिश के बाद उमस भी बढ़ गई है। दिन में तेज धूप से लोगों के पसीने छूट रहे हैं, लेकिन बिजली साथ नहीं दे रही है। जब भी बारिश होने की संभावना दिखती है, हवा चलती हैं तो बिजली बंद हो जाती है। यह समस्या पिछले कई दिनों से कुछ ज्यादा बनी हुई है। किसी किसी दिन तो दिनभर बिजली की लुकाछिपी जारी रहती है। लोग इससे काफी परेशान हो गए है।
क्यों हो रही बिजली बंद
इस मामले को लेकर कार्यपालन यंत्री शिव गुप्ता से प्रयाग न्यूज की टीम ने बात की तो उन्होंने चर्चा में बताया कि अभनपुर क्षेत्र मैदानी इलाका वाला भाग है जिसमे पेड़ों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। पेड़ होने की स्थिति में पेड़ आकाशीय बिजली को अपनी ओर खिंचती है जिससे विद्युत पोल पर ज्यादा नुकसान नहीं होता।
मानसून के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने से सीधे विद्युत पोल को नुकसान पहुँचता है और इंसुलेटर शॉर्ट हो जाते है जिससे लाइन मे फाल्ट आ जाता है। इसके साथ साथ पक्षी, जीव जंतु, बंदर आदि समय समय पर करेंट की चपेट मे आ जाते है जिससे भी इंसुलेटर शॉर्ट होता है और बिजली बंद हो जाती है। बार बार बिजली कड़कने से कई इंसुलेटर कमजोर हो जाते है जो फाल्ट का कारण बनता है।
5 फीडरों से अलग अलग सप्लाई
उन्होंने बताया कि नगर में 5 फीडरों से बिजली सप्लाई की जाती है जिसमे नवापारा मेन फीडर, गंज फीडर, हाईटेक फीडर में पारागांव सब स्टेशन से सप्लाई होती है। इसी तरह शीतलापारा और सिंधी कालोनी फीडर में गोबरा सब स्टेशन से बिजली सप्लाई होती है।
सिंधी कालोनी फीडर में सब स्टेशन से दूरी अधिक होने के कारण परेशानी सबसे ज्यादा आती है। साथ ही गोबरा सब स्टेशन से सिन्धी कालोनी तक लगभग 150 खंभों से होकर बिजली की सप्लाई होती है जिससे फाल्ट खोजने में समय भी ज्यादा लगता है। सभी फीडरों में क्षमताओं के अनुसार लोड पहले से है ऐसे में कालोनी को दूसरे फीडर से जोड़ पाना भी फिलहाल संभव नहीं है।
क्या है इन समस्याओं का निदान
श्री गुप्ता ने बताया कि विभाग द्वारा शुरूवात में फ्यूज कॉल सेंटर के लिए नगर के मध्य में जगह की मांग की गई थी लेकिन जगह की उपलब्धता न होने के कारण फ्यूज कॉल सेंटर पारागांव में ही बनाया गया। जिससे लोगों को आने जाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही हमारे स्टाफ को वहां तक पहुंचने में समय अधिक लग जाता है। जिसके कारण सुधार में विलंब होता है।
सुधार कार्य के लिए बिजली बंद करनी पड़ती है। चालू लाइन पर कार्य करना जान जोखिम में डालना है। बिना बिजली बंद किये सुधार कार्य करना हमेशा मुमकिन नहीं है।
नगर के अंदर सब स्टेशन और फ्यूज कॉल सेंटर की तैयारी
उन्होंने बताया कि नगर के अंदर ही सब स्टेशन बन जाने से फिडरों की सब स्टेशन से दूरी कम हो जाएगी। जिससे बाधा रहित विद्युत आपूर्ति उपभोक्ताओं को मिलने लगेगी। इसके लिए हमारे द्वारा जगह चिन्हांकित कर विभागीय कार्य हेतु प्रक्रिया जारी है। अगर पर्याप्त जगह मिलती है तो फ्यूज कॉल सेंटर और सब स्टेशन नगर के अंदर ही निर्माण कराया जाएगा। जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा सुविधाएं मिलने लगेगी।
12 से 18 घंटे ड्यूटी
प्रयाग न्यूज जब ग्राउन्ड रिपोर्ट के लिए पहुंचा तो सुधार कार्य में लगे लाइन कर्मचारियों ने बताया कि सन् 2007 के बाद अभी तक विभाग मे स्थाई लाइन मैन की भर्ती नही होने से और सीमित मात्रा मे स्टाफ् होने से भी सुधार कार्य मे परेशानियो का सामना करना पड़ता है। संविदा भर्ती हुई है लेकिन संविदा कर्मियों को सीधे तौर पर लाइन में कार्य करने का नियम नहीं है। सीमित स्टाफ् के बाद भी परिस्थितियों के हिसाब से 18 से 20 घंटे अनवरत कार्य करते हुए सुधार कार्य मे लगे हुए है। बिजली कड़कने और बरसात में भी जान जोखिम में डाल कर सुधार कार्य करते है।
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