राम नवमी में श्री राम लला का साक्षात दर्शन करना, जीवन की धन्यता का सर्वोच्च गौरी शिखर – पं. शास्त्री

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) नवापारा  :- श्री राम लला का उनके नवनिर्मित मंदिर में पहला जन्मदिन, पहली रामनवमी में उनके साक्षात दर्शन करना, जीवन की धन्यता का सर्वोच्च गौरी शिखर है,यह कहना है नगर के ज्योतिष लोचन पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री का । जो अभी अयोध्या में रामलला का दर्शन करके लौटे हैं । मन में अपूर्व शांति का दिव्य अनुभव लेकर लौटे उनकी वाणी इस अलौकिक अनुभव का बखान करते हुए नही अघाती ।

उन्होंने बताया कि अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामनवमी को 40 लाख से अधिक श्रद्धालु भक्त जनों ने जो कि देश विदेश से पहुंचे थे बड़े ही सुविधापूर्ण शांति के माहौल में दर्शन किए ।  शासन प्रशासन की ओर से अच्छे बंदोबस्त किए गए थे । किसी भी राजनेता की वीवीआईपी व्यवस्था नहीं थी। राम पथ और जन्मभूमि परिसर को कई टन फूलों की झालरों से सजाया गया था। पूरे मार्ग पर लाल कालीन बिछाया गया था, गर्मी के मौसम को देखते हुए सुगंधित इत्र मिश्रित जल के फुहारें जगह जगह लगाए गए थे ।

राम नवमी पर श्री राम लला का महाभिषेक किया गया

एक एक पर्यटक का ध्यान ऐसे रखा जा रहा था जैसे वह उनके घर आया कोई मेहमान हो।  सुरक्षा व्यवस्था में लगे स्थानीय पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बल, द्रुत रक्षा कार्य बल सभी मुस्तैदी से तैनात थे और सभी का व्यवहार तीर्थ यात्रियों के प्रति बड़े सद्भाव और मिठास से भरा हुआ था । राम मंदिर परिसर में जूते चप्पल रखने की, बैग आदि सामान, मोबाइल रखने की निःशुल्क व्यवस्था थी ।  जगह जगह पीने के लिए ठंडे पानी की मशीनें लगी हुई थी ।

मंदिर परिसर में विश्व स्तरीय व्यवस्था

राम नवमी पर श्री राम लला का सूर्य तिलक

मंदिर परिसर में विश्व स्तरीय व्यवस्था बनाई गई थी, देश विदेश के न्यूज चैनल वाले रिपोर्टिंग कर रहे थे । उस दिन तो अयोध्या दुनिया का सबसे चर्चित और भीड़ भाड़ वाला शहर बन कर रिकार्ड बना रहा था।  शास्त्री जी ने बताया कि राम मन्दिर जितना ज्यादा सुन्दर है उतना ही बड़ा और भव्य भी बना हुआ है, एक साथ दो ढाई लाख लोग भी परिसर में हो तो पता नही चलता ।  भगवान के सामने खड़े भक्तों को कोई खदेड़ कर भगा नही रहा था, सभी आराम से दर्शन कर रहे थे । 

सप्त पुरियो में अयोधा का नाम सबसे पहले आता है

जब भक्त लोग दर्शन करके बाहर निकल रहे थे तो सभी को एक सुन्दर से थैले के भीतर स्टील के डिब्बे में रखकर बेसन के देसी घी से बने बड़े स्वादिष्ट लडडू भी दिए जा रहे थे, जिसे पाकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता था । वास्तव में राम लला के भक्तों ने उनका पहला जन्मदिन उनकी जन्मभूमि अयोध्या में बड़े जोश, उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया।  उन्होंने बताया कि अभी तो मात्र एक तिहाई काम पूरा हुआ है जब 2 सालों के बाद पूरा मन्दिर परिसर बन जायेगा तो यह विश्व के सबसे अच्छे सर्व सुविधापूर्ण शहरों में गिना जाएगा वैसे हमारे सनातन धर्म में तो सप्त पुरियो में तो अयोधा का नाम सबसे पहले ही आता है । हम सभी हिन्दू सनातन धर्मियों के लिए यह बड़े गौरव और सन्तोष का क्षण है ।

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