प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने निकाली NCTE की शव यात्रा, लगे मुर्दाबाद के नारे, कहा इन्होंने बनाया गलत नियम
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों द्वारा समायोजन की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया गया। शिक्षकों द्वारा NCTE ( नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) द्वारा गलत नियम बनाने के कारण आज उनके द्वारा एनसीटी की शव यात्रा निकाली गई। एनसीटी की शव यात्रा तुता धरना स्थल से प्रारंभ होकर के ग्राम के श्मशान घाट तक पूर्ण हुई। इस दौरान प्रदर्शनकरियों के द्वारा एनसीटी मुर्दाबाद एनसीटी, मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। वहीं उनके द्वारा समायोजन की मांग को लेकर भी नारे लगाए गए।
प्रदर्शन कर रहे हैं सहायक शिक्षकों को कहना है कि एनसीटी ने अगर गलत नियम नहीं बनाया होता तो आज हमको यह दिन देखना नहीं पड़ता। एनसीटी वह इकाई है जो पूरे देश में शिक्षकों की अर्हता का निर्धारण करता है। एनसीटी ने 2018 में नियम बनाकर बीएड वालों को प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए पात्र किया था। उसी के आधार पर पूरे देश में भर्ती नियम बनाया गया और हमारी भी इस नियम के आधार पर भर्ती हुई थी।
गलत नियम के चलते नौकरी चली गई
उन्होंने कहा कि डेढ़ वर्ष की सेवा करने के बाद सरकार द्वारा हमें नौकरी से निकाल दिया गया है हमारा पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। इस भर्ती में 70% अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल थे। जो बस्तर जैसे क्षेत्र में वह काम कर रहे थे जहां पर नक्सलवाद का गढ़ है और ऐसी जगह से निकलकर यह नौकरी पाए थे, जो मुख्य धारा में जुड़ना चाहते थे किंतु सरकार एवं एनसीटीई के गलत नियम के चलते हमारी नौकरी चली गई है।
समायोजन की मांग को लेकर सभी शिक्षक बीते 23 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन का शुक्रवार को 24 वां दिन था। अपनी मांगों को लेकर ये शिक्षक अब तक सरगुजा से रायपुर तक पैदल यात्रा की, लड़कों ने मुंडन एवं लड़कियों द्वारा खुद के बाल कटवाए गए। इसके बाद गौ सेवा, सफाई अभियान, रक्तदान आदि भी किया गया। इसी क्रम में आज एनसीटी की शव यात्रा भी निकाली गई है।
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