महानिशीथकाल में हुई माँ काली की विशेष पूजा, 108 दीपक जलाकर किया दीपदान

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- कार्तिक मास की अमावस्या तिथि दो दिन होने के कारण कुछ जगहों पर 31 अक्टूबर को दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वहीं कुछ जगहों पर आज 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। लक्ष्मी पूजा के साथ साथ अमावस्या तिथि की मध्य रात्रि मां काली का भी विशेष पूजन अर्चन किया जाता है।
नवापारा नगर के बस स्टैंड स्थित काली मंदिर में 31 अक्टूबर को अर्ध रात्रि में महानिशीथकाल में विशेष पूजा अर्चना की गई । पूजा में शामिल होने नगर के कई भक्तजन पहुंचे। माँ काली मंदिर समिति के अध्यक्ष मेघनाथ साहू ने बताया कि पिछले 22 वर्षों से इस पूजन का आयोजन किया जा रहा है।
पंडित पदुम महाराज ने बताया कि इस वर्ष अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 4 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर को संध्या 6.16 तक रहेगा। अमावस्या की मध्यरात्रि में ही मां काली का आह्वान एवं विशेष पूजा की जाती है इसलिए 31 अक्टूबर की अर्धरात्रि ही यह विशेष पूजा की जा रही है। अमावस्या की काली रात में मां काली पृथ्वी का विचरण करने निकलती है और उनकी आराधना में लीन भक्तों की मनोकामना पूरी करती है। महानिशीथकाल में पूजा करने से घर परिवार में समृद्धि का वास होता है।
बलि देने की रस्म निभाई गई
अर्ध रात्रि में माता काली को बलि देने की रस्म निभाई गई लेकिन यहां पशु बलि नहीं दी जाती। बल्कि कद्दू से इस प्रथा को निभाया गया । रात्रि पूजन के बाद मंदिर परिसर में 108 दीपक जलाकर मां काली को दीपदान किया गया । 3 घंटे चले इस पूजन के पश्चात अंत में यज्ञ हवन कर पूजा संपन्न की गई। पं. पदुम महाराज द्वारा यह पूरा पूजन कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया।

पूजा में मेघनाथ साहू, डॉ मोहन सोनकर, रूपेन्द्र चंद्राकर, धीरज साहू, दिलीप यादव, मन्नू तारक, प्रकाश मेश्राम, उत्तम देवांगन, श्री कान्त साहू सहित अन्य भक्तगण सम्मिलित हुए। इस बार अमावस्या तिथि 2 दिन पढ़ने से किसी मंदिर में संपूर्ण रात्रि में पड़ी अमावस्या मे पूजा हुई तो किसी में अगले दिन यानि आज 1 नवंबर को अमावस्या पूजा की जाएगी। इसके साथ ही गौरा गौरी का विसर्जन किया जाएगा।
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