अवैध रेत खनन से महानदी का तट खतरे में, पारागांव में रेत माफियाओं का आतंक; कब जागेगा प्रशासन?

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– बारिश थमते ही रेत माफियाओं ने एक बार फिर सक्रियता बढ़ा दी है। अभनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत पारागांव क्षेत्र में गोबरा-नवापारा के पास महानदी के तट को मशीनों से खोदकर दिनदहाड़े अवैध रेत खनन किया जा रहा है। तटबंध की मिट्टी उड़ाए जाने से नदी का प्राकृतिक ढांचा कमजोर हो रहा है और बाढ़ का बड़ा खतरा मंडराने लगा है। वहीं माफिया हाइवा और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में रेत भरकर खुलेआम फरार हो रहे हैं, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
इस अवैध खेल ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैला हुआ है। उनका कहना है कि तटबंध कमजोर होने पर पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में आ सकता है। गांव की भौगोलिक स्थिति पहले से ही खराब हो चुकी है। लोग डरे-सहमे हैं, लेकिन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि दिन में भी खुलेआम खनन हो रहा है।
सरपंच पर उठ रहे सवाल
सबसे ज्यादा सवाल ग्राम पंचायत पारागांव के सरपंच सुरेश उर्फ भोले सोनकर पर उठ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच को सब पता है, लेकिन वह कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा, “हमें जानकारी है, शासन-प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई प्रशासन की है।”
ग्रामीणों का सवाल बिल्कुल सीधा है जब सरपंच को पूरी जानकारी है तो मौके पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही? क्या सरपंच की मौन सहमति से ही यह अवैध खनन चल रहा है? पिछले कई दिनों से यह सब प्रशासन की आंखों के सामने हो रहा है, फिर भी किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
एसडीएम ने कहा?
इस मामले में अभनपुर एसडीएम रवि सिंह ने कहा है कि संबंधित विभाग को जानकारी दे दी गई है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक कार्रवाई करता है और क्या अवैध रेत खनन पर सच में लगाम लगाई जा सकेगी, या फिर महानदी के तट को यूं ही माफियाओं के हवाले छोड़ दिया जाएगा।
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