गरियाबंद में विहिप-बजरंग दल का फूटा गुस्सा, पुतला दहन कर की नारेबाजी, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर जताया आक्रोश
बोले – हिंदूविहीन करने की साजिश है ये हिंसा, अब केंद्र को लेना होगा मोर्चा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ गरियाबंद में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। शुक्रवार दोपहर विहिप-बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा चौक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया और जमकर नारेबाजी की। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बंगाल में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है और ममता सरकार हिंसा करने वालों को संरक्षण दे रही है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि ममता बनर्जी न सिर्फ चुप हैं बल्कि उन लोगों के साथ बैठकों में व्यस्त हैं जिन्होंने हिंसा भड़काई है।
आपको बता दें कि 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर मुस्लिम भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया था। यह विरोध कानून के खिलाफ नहीं, हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित हमले के रूप में सामने आया। इस भीड़ ने 200 से अधिक घर-दुकानें जला दीं, दर्जनों महिलाओं के साथ शीलभंग किया गया और तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। सैकड़ों लोग घायल हुए और करीब 500 से अधिक परिवारों को पलायन करना पड़ा।
की ये मांग
विहिप जिला अध्यक्ष प्रकाश निर्मलकर ने कहा कि यह सिर्फ एक दंगा नहीं, यह एक सुनियोजित सांप्रदायिक हमला है। ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह जिहादी ताकतों के आगे नतमस्तक हो चुकी है। अगर केंद्र ने अब भी हस्तक्षेप नहीं किया तो यह आग पूरे देश में फैल सकती है। विहिप-बजरंग दल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू हो। इस हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से करवाई जाए। राज्य की कानून व्यवस्था को केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाए। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को चिन्हित कर देश से बाहर निकाला जाए और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी की जाए।
प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष प्रकाश निर्मलकर, नगर अध्यक्ष योगेश्वर निषाद, नगर मंत्री नवीन सिन्हा, जितेंद्र यादव, लोकेश वर्मा, रोहित सिन्हा, अभिमन्यु ध्रुव, प्रकाश सोनी, रोमी सिन्हा, विनोद नेताम, अनुपम मालवीय, आयुष सोनी, पुष्पराज राजपूत, अजय राठौर, राकेश सोनी, मानस ध्रुव, सतीश ठाकुर, खीर सिंह यादव, जलेश सेन, सौरभ सर्वांकर विहिप एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बंगाल की घटनाओं को लेकर देशभर में आक्रोश फैलता जा रहा है और अब गरियाबंद जैसे शांत जिलों में भी इसका असर दिखने लगा है। सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार बंगाल की स्थिति को संभालने के लिए आगे आएगी या यह हिंसा और फैलेगी?
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