टेक्नोलॉजी ने थामा हाथ : दृष्टिबाधित बच्चों को मिला डिजिटल संबल, स्मार्टफोन पाकर खिले चेहरे
दृष्टिबाधित बच्चों के सपनों को मिले नए पंख

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) किशन सिन्हा :– छत्तीसगढ़ सरकार की समावेशी शिक्षा नीति के तहत गरियाबंद जिले में आज एक भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब आठ दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को स्मार्टफोन प्रदान किए गए। यह आयोजन जिला कलेक्टर भगवान सिंह उइके और जिला पंचायत सीईओ जी. आर. मरकाम के दिशा-निर्देशन में, जिला शिक्षा अधिकारी ए. के. सारस्वत के मार्गदर्शन तथा मिशन समन्वयक के. एस. नायक और उनकी टीम द्वारा संपन्न हुआ।
जैसे ही बच्चों ने अपने हाथों में स्मार्टफोन थामे, उनके चेहरे पर मुस्कान और आंखों में उज्ज्वल भविष्य की चमक साफ दिखाई दी। इस पहल से न केवल उनकी पढ़ाई में तकनीकी सहारा मिलेगा, बल्कि वे डिजिटल दुनिया से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाएंगे। यह पहल न केवल दृष्टिबाधित बच्चों के लिए एक नया सवेरा लेकर आई है, बल्कि यह समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है कि जब नीयत नेक हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता।
आप किसी से कम नहीं
कार्यक्रम के दौरान डीएमसी के. एस. नायक ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्मार्टफोन आज की शिक्षा में एक अनिवार्य साधन है, और अब आप सभी बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा से सीधे जुड़ सकेंगे। एपीसी भूपेंद्र सोनी ने बच्चों से मेहनत और लगन से आगे बढ़ने का आह्वान किया। वहीं एपीसी विल्सन थॉमस ने शिक्षा में तकनीक के महत्व को सरल शब्दों में समझाया। एपीसी योगेश पटेल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप किसी से कम नहीं हैं, आपके सपनों की उड़ान को अब कोई नहीं रोक सकता।
इस मौके पर उपस्थित सभी पालकों ने छत्तीसगढ़ शासन की इस संवेदनशील और दूरदर्शी योजना की प्रशंसा करते हुए दिल से धन्यवाद प्रकट किया। कार्यक्रम में जिला कार्यालय से प्रोग्रामर नदीम अहमद, विक्रांत सोनी, डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरेखा साहू, सनत यादव, बीआरपी एकता रात्रे, दिलीप भारती, एफएलएन प्रभारी चंद्रहास साहू, टाकेश्वरी साहू, देवेंद्र आसनी, स्पीच थैरेपिस्ट राधिका साहू, टीकम साहू सहित पालकगण भी शामिल रहे।
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