छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का शुभारंभ : पहले दिन प्रदेश में 55 हजार मीट्रिक टन खरीदी, राज्य के 14567 किसानों ने बेचा धान
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बालोद जिले के भांठागांव (बी) धान खरीदी केन्द्र से प्रदेशव्यापी धान खरीदी महापर्व का शुभारंभ किया। धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में आज पहले दिन लगभग 55 हजार टन धान की खरीदी हुई है। आज 14562 किसानों ने धान बेंचा है। इसी के साथ धान खरीदी का सिलसिला शुरू हो गया है। राज्य सरकार इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.42 लाख नए किसान शामिल है। आज दिनांक के लिए कुल 24 हजार 748 टोकन जारी किए गए थे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 31 जनवरी 2025 तक होगी। किसानों को उनके द्वारा बेचे गए धान के एवज में राज्य शासन द्वारा 72 घंटे भीतर उनके बैंक खाते में भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य में धान खरीदी के लिए 2,739 स्थापित किए गए हैं। इस साल धान बेचने के लिए 27,01,109 पंजीकृत किसानों द्वारा बोये गए धान का कुल रकबा 34,51,729 हेक्टेयर है। पंजीकृत किसानों में 1,35,891 नये किसान हैं।
धान खरीदी केंन्द्रों का किया निरीक्षण
इस व्यवस्था का निरीक्षण करने खाद्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने रायपुर जिले के अभनपुर के ग्राम केन्द्री और पिपरौद के धान खरीदी केन्द्र और गरियाबंद जिले के पाण्डुका और धान संग्रहण केन्द्र कुण्डेलभाठा पहुंची। में जाकर किसानों के फीडबैक लिया और कहा कि किसी प्रकार की समस्या होने पर प्रशासन को सूचित करें।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक तराजू से धान खरीदने की प्रक्रिया और बायोमेट्रिक व्यवस्था का निरीक्षण किया। श्रीमती शर्मा ने कहा कि यह सुनिश्चित करें की सभी किसानों का बायोमेट्रिक हो, सर्वर डाउन होने की उपस्थिति में अन्य विकल्पों द्वारा किसानों का सत्यापन करें। उन्होंने बारदानों की उपलब्धता की जानकारी ली और कहा कि जैसे-जैसे धान खरीदी हो बारदाना पर्याप्त मात्रा मे रखें।
खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा कि जिले में धान खरीदी अच्छे तरीके से हो किसी भी प्रकार की गड़बड़ी ना हो, पंजीकृत किसानों से ही धान खरीदी हो। किसानों की किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो। उन्हें शासन द्वारा तय किए गए निर्धारित अवधि 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाए। हर केन्द्रों में टोल-फ्री नंबर को डिस्प्ले किया जाए, ताकि किसान आवश्यकता पड़ने पर उपयोग कर सकें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर कीर्तिमान राठौर, खाद्य नियंत्रक भूपेन्द्र मिश्रा, जिला सहकारी बैंक की सीईओ सुश्री अपेक्षा व्यास सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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