भाजपा गरियाबंद में आंतरिक घमासान उम्र सीमा की अनदेखी से फूटा असंतोष, मंडल अध्यक्ष नियुक्ति के बाद कार्यकरिणीय घोषित में भी असंतोष
जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर की कार्यशैली सवालों के घेरे में कोपरा मंडल में नियुक्ति को लेकर कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– भारतीय जनता पार्टी गरियाबंद जिला संगठन में इन दिनों अंदरूनी घमासान मचा हुआ है। विवाद की जड़ है कोपरा मंडल अध्यक्ष पद पर हुई एक नियुक्ति, जो सीधे-सीधे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन के निर्देशों की अवहेलना प्रतीत हो रही है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल चंद्राकर की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण और नियम विरोधी हो गई है। कोपरा मंडल में 46 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को मंडल अध्यक्ष बना दिए जाने से पार्टी के भीतर असंतोष की आग सुलग रही है जो अब खुलकर सामने आ गई है।
नियमों की धज्जियां और संगठन की चुप्पी
भाजपा के केंद्रीय संगठन ने देशभर में मंडल अध्यक्ष पद के लिए आयु सीमा 35 से 45 वर्ष तय की है। लेकिन गरियाबंद जिले के कोपरा मंडल में गोपी ध्रुव को मंडल अध्यक्ष बना दिया गया। जिनकी उम्र स्कूल के दस्तावेज़ों के अनुसार 16 जून 1978 है यानी वे 46 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि दावेदारी के समय गोपी ध्रुव ने आयु संबंधी जानकारी छुपाई और जब इस अनियमितता की शिकायत की गई तो जिलाध्यक्ष ने और न ही जिला संगठन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया हैं।
शिकायतों की झड़ी, फिर भी कार्रवाई ठप
पार्टी के नाराज़ कार्यकर्ताओं ने प्रदेश संयोजक, संगठन निर्वाचन अपील समिति के प्रमुख और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, सह-संयोजक सच्चिदानंद उपासने और संगठन मंत्री पवन साय से इस मामले की लिखित शिकायत की। 18 मार्च को कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर जाकर संगठन मंत्री से मुलाकात भी की थी। इस मुलाकात के बाद पवन साय ने जिला सह-संगठन प्रभारी किशोर महानंद को जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था लेकिन अब एक महीना गुजर चुका है न तो रिपोर्ट सामने आई, न ही किसी नियुक्ति को रद्द किया गया।
संगठन में बढ़ता असंतोष, बैठकों का बहिष्कार करेगें
बीते बुधवार को जिला संगठन ने कोपरा मंडल की कार्यकारिणी की घोषणा कर दी। जिसमें उसी विवादित मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारियों के नाम शामिल किए गए। इससे कार्यकर्ताओं का आक्रोश और बढ़ गया है। स्थानीय कार्यकर्ता अब मंडल स्तरीय बैठकों के बहिष्कार की तैयारी में हैं। एक वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा अगर पार्टी के नियम ही नहीं माने जाएंगे तो अनुशासन और पारदर्शिता का क्या मतलब। यह पार्टी की साख को नुकसान पहुंचाने वाला निर्णय है।
जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल चंद्राकर की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे नियमों का पालन नहीं कर रहे और अपनी पसंद के लोगों को ऊपर चढ़ाने के लिए नियमों को दरकिनार कर रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब जिलाध्यक्ष की भूमिका पर विवाद हुआ हो।
प्रदेश संगठन की भूमिका पर भी प्रश्न
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि जब प्रदेश संगठन को पूरे मामले की जानकारी है। शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं तो फिर जांच को लटकाया क्यों जा रहा है? कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर इस तरह के नियम विरोधी फैसले बिना सजा के गुजरते रहे तो आने वाले चुनावों में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्या मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति होगी रद्द
अब सबकी निगाहें प्रदेश संगठन पर टिकी हैं। अगर समय रहते निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं हुई तो गरियाबंद जिले में भाजपा के अंदर बगावत की स्थिति पैदा हो सकती है। कार्यकर्ताओं ने साफ चेतावनी दी है कि अगर उनकी आवाज़ को दबाया गया तो वे प्रदेश नेतृत्व के समक्ष सामूहिक प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
किशोर महानंद भाजपा प्रदेश मंत्री एवम जिला संगठन सह प्रभारी गरियाबंद ने कहा कि कोपरा मंडल अध्यक्ष की शिकायत प्रदेश संगठन ने की गई हैं। यह बात आपके माध्यम से जानकारी में आया हैं। जांच के बाद इस पर कार्यवाही होगी।
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