तर्री में घटिया निर्माण का आरोप : जांच के लिए पहुंची टीम, ग्रामीणों में कई कार्यों को लेकर आक्रोश, प्रधानमंत्री कार्यालय तक हुई शिकायत

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा से लगा तर्री ग्राम पंचायत एक बार फिर विवादों में है अभी कुछ महीने पहले ही दो बरगद के पुराने पेड़ काटने को लेकर यह ग्राम सुर्खियों में था। अब 3 लाख रुपए की लागत से बनी पुलिया में घटिया निर्माण का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले बनी यह पुलिया की दीवारें टूट चुकी हैं और स्लैब बैठ गया है। जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। 

जानकारी के अनुसार अभनपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत तर्री में मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2024-25 में लगभग 3 लाख रुपए की लागत से बनी एक पुलिया महज कुछ महीनों में ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिया के दोनों तरफ की दीवारें ध्वस्त हो चुकी हैं और स्लैब बैठ गया है और पूरी तरह जर्जर हो गया।

इस घटिया निर्माण पर गाँव के ही रोहित साहू ने पहले ग्राम सरपंच व सचिव से शिकायत की, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने जनपद पंचायत अभनपुर के CEO, जिला पंचायत रायपुर के CEO और अंत में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने साक्ष्य के रूप में फोटो व वीडियो संलग्न कर पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।

टीम पहुंची जांच के लिए 

 

शिकायतकर्ता ने बताया कि बिल में जितनी सामग्री का उल्लेख किया गया है उतनी सामग्री का उपयोग निर्माण में किया ही नहीं गया है और अगर इतनी निर्माण सामग्री उपयोग की गई है तो कुछ ही महीने में कैसे टूट गई। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत के बाद इसे फिर से मरम्मत किया गया है। 

वहीं इस मामले में शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अभनपुर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की। जिसके बाद शुक्रवार को टीम ने ग्राम पंचायत तर्री पहुंचकर क्षतिग्रस्त पुलिया का बारीकी से निरीक्षण किया। टीम में उप अभियंता सूर्य कुमार, सहायक अभियंता, तकनीकी सहायक और रोजगार सहायक शामिल थे।

टीम ने न सिर्फ पुलिया की माप-जोख की बल्कि मौके पर ही शिकायतकर्ता रोहित साहू और सरपंच का बयान भी दर्ज किया। रोहित साहू ने टीम के सामने कहा, “पुलिया बनाने में घटिया सीमेंट, पतली सरिया और कम गहराई की नींव डाली गई। ठेकेदार व सरपंच-सचिव की मिलीभगत से यह लूट हुई है। अगर इस जांच में भी लीपा-पोती हुई तो मैं जिला पंचायत CEO, छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत मंत्री और दोबारा प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत करूंगा।”

सरपंच ने रखा अपना पक्ष

वहीं सरपंच ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पुलिया मानसून की भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई है और यह प्राकृतिक आपदा है। हालांकि ग्रामीणों ने सरपंच के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया।

जांच के बाद आगे की कार्रवाई 

जांच टीम से उप अभियंता सूर्य कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, “उच्च अधिकारियों के निर्देश पर हमने आज पूर्ण रूप से स्थल निरीक्षण किया है। फोटो, वीडियो, माप-जोख और दोनों पक्षों के बयान ले लिए गए हैं। अगले 4-5 दिनों में विस्तृत जांच रिपोर्ट जनपद CEO को सौंप दी जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।”

ग्राम तर्री के अन्य ग्रामीणों ने भी इस पुलिया के अलावा गांव में बने कई मनरेगा कार्यों जैसे तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण व सड़क में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि अगर इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो पूरा गांव एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेगा।

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