अवैध रेत खनन और परिवहन पर अभनपुर SDM ने खुद संभाला मोर्चा, आधी रात हुई कार्रवाही, 1 चैन माउन्टेन सहित हाइवा जप्त

अवैध खनन के कारण नवापारा नगर में 5 करोड़ 63 लाख रुपए से बना डाइक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) : नवापारा से लगे ग्राम तर्री में महानदी पर रेत माफियाओं की पैनी नजर गड़ी हुई है। तर्री गाँव के रास्ते ये अवैध कारोबारी नदी के रास्ते नवापारा सीमा पर पहुंच कर खुदाई कर रहे है। इसके लिए बाकायदा इन्होंने बेशरम मुरुम और रेत से रास्ते बनाए हुए है। इस रास्ते से बाहर निकलने इन्होंने नदी के तटबंध को भी तोड़ दिया है।

एनजीटी के निर्देश पर 15 जून से 15 अक्टूबर तक नदी-नालों से रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध है। प्रतिबंध के बावजूद भी रेत का अवैध खनन और परिवहन लगातार जारी है। रेत माफिया बेखौफ इस काम को अंजाम दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज ने दो दिन पहले ही इसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। 

अवैध रेत खनन और परिवहन पर लगाम लगाने अभनपुर SDM स्वयं मैदान में उतरे। अभनपुर एसडीएम रवि सिंह के नेतृत्व में राजस्व, खनिज एवं पुलिस विभाग की टीम बीती देर रात 12 बजे ग्राम तर्री में अवैध रेत खनन करते 1 चैन माउंटेन मशीन को जब्त किया। वहीं क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन करते 4 हाइवा को भी जब्त किया गया है। आधी रात हुई इस  कार्यवाही के बाद रेत माफियाओ में हड़कंप मच गया है क्योंकि सुबह कार्रवाही होने के डर से रात को वे बेधड़क ये काला कारोबार करते है। 

सरकारी संपत्ति को भी पहुंचा रहे भारी नुकसान

ये अवैध रेत माफिया सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे है। जहां एक ओर नदी से गाड़ियां बाहर निकालने के लिए इन्होंने तटबंध को तोड़ दिया है वहीं पूर्व विधायक धनेन्द्र साहू के कार्यकाल में लगभग 5 करोड़ 63 लाख से बने डाइक को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे है।

पूर्व विधायक ने इस डाइक का निर्माण नवापारा नगर में गर्मियों में पानी की समस्या को देखते हुए करवाया था। डाइक के पास ही नगर को पीने का पानी सप्लाई करने हेतु पुराना इंटकवेल है। इस डाइक में गर्मियों के मौसम में 3 से 4 फीट तक पानी रुकने से नगर में पानी का लेबल और सप्लाई दोनों सही तरीके से बना रहता। 

लेकिन इस अवैध खनन के कारण नदी में बड़े बड़े गड्ढे हो गये है जिससे पानी इस जगह तक पहुंच ही नहीं पा रहा जिसके कारण यह 5 करोड़ 63 लाख रुपए से बना डाइक पूरी तरह व्यर्थ हो गया है। इतना ही नहीं परिवहन के लिए इसके ऊपर से रास्ता भी बना दिया गया है। जिससे यह डाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। जबकि इसे बने अभी महज 2 साल भी पूरे नहीं हुए है। इस ओर ना ही कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहा, ना ही विभाग के अधिकारी।     

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