30 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए शिक्षक कृष्ण कुमार वर्मा, दी गई भावभीनी विदाई, घर तक छोड़ने पहुंचा शाला परिवार

गुरु कभी मरता नही बल्कि अनेक लोगों के हृदय में बस जाता है - वीरेंद्र

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) नवापारा  :- विदाई इस नाम से ही एक मार्मिक भाव उत्पन्न होता है । किसी स्थान, व्यक्ति या वस्तु से लगाव होने के बाद उनके साथ हंसी खुशी के जो पल गुजारे होते हैं उनसे दूर होने पर दुखद एहसास होता है । जब किसी जगह पर हम अपने जीवन का लंबा समय व्यतीत किए होते है उनके साथ हमारी मधुर स्मृति जुड़ी होती है ।

ऐसा ही एक मधुर और भावपूर्ण पल सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा में विदाई एवं सम्मान समारोह में देखने को मिला। जहां विगत तीस वर्षों से समर्पित भाव से अपनी सेवा देने के बाद वरिष्ठ आचार्य कृष्ण कुमार वर्मा को विदाई दी गई । विदाई कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर अतिथिगणों ने किया।

गुरु कभी मरता नही

इस अवसर पर विद्यालय के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार साहू ने कहा कि कृष्ण कुमार नाम से ही उनका व्यक्तित्व झलकता हैं । उनकी सादगी ही पहचान है । शिक्षकीय गुण उनमें कूट कूट कर भरें हैं गुरु कभी मरता नही बल्कि अनेक लोगों के हृदय में बस जाता है । अनेक विद्यार्थीयों के जीवन में वे अपने आपको प्रसारित कर दिए हैं । बिना विवाद के तीस वर्ष तक सेवा देना बहुत बड़ी बात हैं । कम मानदेय में भी अपना मनोबल बनाए रखें और पूर्ण समर्पित होकर कार्य किए।

यह भावुक क्षण है

प्राचार्य गौरी शंकर निर्मलकर ने कहा की वर्मा जी का सहयोग हमेशा विद्यालय को मिला।  इनके सानिध्य में विद्यालय की हर गतिविधि अच्छे से संचालित हुई मुझे ऐसे नही लगा की नए माहौल में आया हूं। इनका जीवन सादगी से भरपूर हैं। शिक्षक रेणु कुमार निर्मलकर ने अनुभव सांझा करते हुए कहा कृष्ण कुमार वर्मा जी मृदु स्वभाव सरल स्वभाव के हैं । परीक्षा संबंधी काम वे बहुत समय से कर रहे हैं कभी भी उन्हे किसी काम में आलस करते नही देखा।  बहुत ही मेहनती है और मिलनसार रहे। विदाई से आखों में नमी आती है, यह भावुक क्षण है अपनी सेवा से कभी शिकायत का मौका नही दिया ।

हर समस्या का सामाधान उनके पास होता

शिक्षिका सरोज कंसारी ने कहा कृष्ण कुमार आचार्य जी अपने आचरण से शिक्षा देते थे। जैसे एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल है वैसे ही वे हमारे विद्यालय के हर शिक्षक के समस्याओं का तुरंत हल करते थे। हर समस्या का उनके पास सामाधान होता। कभी क्रोधित नही हुए और मार्गदर्शक रहे। परीक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण कार्य संभालने के साथ हर गतिविधि में सक्रिय रहते। अपने स्वभाव से सभी का दिल जीत लेते हैं। संजय सोनी ने कहा वर्मा जी किसी नाम के मोहताज नहीं समस्या को सुलझाने वाले, है इनके स्थान की पूर्ति नही हो सकती सभी के साथ इनका मधुर संबंध रहा हैं और इनका व्यक्तित्व अनुकरणीय रहा।

कृष्णकुमार वर्मा ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि मै कभी यहां से विदा नही लूंगा सोचा था । जीवन का इतना लंबा सफ़र यहां तय किया पता ही नही चला। हर एक पल परिवारिक भाव मिला जो काफी सुखद रहा। इस अवसर पर श्रीफल साल एवं शील्ड समिति के पदाधिकारियों और शिक्षक शिक्षिकाओं ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया साथ ही उन्हे घर तक आत्मीय भाव से छोड़ने गए।

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार वरिष्ठ आचार्य नरेश यादव ने किया। इस अवसर पर शिक्षकगण दीपक देवांगन,  नारायण पटेल, रेणु कुमार, नरेंद्र साहू, नंद कुमार साहू, तामेश्वर साहू, वाल्मीकि धीवर, संजय सोनी, धनेश्वरी, मंजू, ममता साहू, निकिता यादव, मोनिका मालवीय, निकिता तराने, परमेश्वर सिन्हा उपस्थित रहे। उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।

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