छत्तीसगढ़ में आत्मानंद स्कूल योजना बदली जाएगी! भाजपा ने दिए संकेत, संविदा शिक्षकों की कुर्सी अब खतरे में, पढ़िए पूरी खबर

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद अब आत्मानंद स्कूल योजना खतरे में आ गई है। सरकार बदलने के बाद भूपेश बघेल सरकार की आत्मानंद स्कूल योजना को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बदलाव के संकेत दे दिए हैं। भाजपा का मानना है कि इस योजना में बहुत सी कमियां है जिसे दूर करने के लिए योजना का नाम बदलकर उसे बेहतर तरीके से सुचारू रूप से चलने की जरूरत है। आत्मानंद स्कूल योजना का नाम बदलने की खबर से अब स्कूल में काम कर रहे संविदा कर्मचारियों की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है।

बता दें कि भूपेश सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना की शुरुआत 3 जुलाई साल 2020 से किया। इसके बाद आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को बनाने का सिलसिला शुरू हुआ। जानकारी के अनुसार कांग्रेस की इस योजना में पूरे प्रदेश में 847 आत्मानंद स्कूल खोले गए। कांग्रेस की सरकार ने पिछले 5 सालों में आत्मानंद स्कूल योजना को लेकर खूब प्रचार प्रसार किया, लेकिन साल 2023 की विधानसभा के चुनाव में हार के बाद अब भाजपा की सरकार द्वारा बदलाव करने के साथ योजना का नाम बदलने की तैयारी में लगी हुई है। आत्मानंद स्कूल योजना का नाम बदलने के संकेत शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दिए हैं।

नाम बदलने को लेकर मंत्री बृजमोहन ने दिए संकेत

आत्मानंद स्कूल को लेकर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का मानना है कि स्कूल को लेकर पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है। हम आने वाले दिनों में नई नीति बनाएंगे जिस पर सलाह मशवरा करने के बाद बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए योजना को नई तरह से बनाने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी को राजनीति से ऊपर उठकर योजनाओं को आगे बढ़ना चाहिए जिससे कि बच्चों की शिक्षा और बेहतर की जा सके। जिसे लेकर आत्मानंद स्कूल योजना को सुधार की जरूरत है।

राज्य के विकास का महत्वपूर्ण आधार होती है शिक्षा

श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा किसी भी राज्य के विकास का महत्वपूर्ण आधार होती है हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर चाहे वह स्कूली हो या फिर उच्च शिक्षा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लाने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि मोदी की नई शिक्षा नीति को राज्य में लागू करने की हमारी कोशिश होगी। छत्तीसगढ़ की शिक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिलाया जाए ऐसी शिक्षा जिससे छत्तीसगढ़ के बच्चों का बेहतर भविष्य का निर्माण हो सके।

शिक्षकों पर कैसा संकट

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में आत्मानंद स्कूल के नाम से चल रही योजना में पूरे प्रदेश में 847 आत्मानंद स्कूल खोले गए। अंग्रेजी मीडियम के साथ-साथ हिंदी मीडियम स्कूलों में वर्तमान में 586 से ज्यादा शिक्षक वर्तमान में कार्य कर रहे हैं। जिनमें से 4087 से ज्यादा शिक्षकों की संविदा भर्ती की गई। इसके साथ ही 1499 शिक्षक प्रतिनयुक्ति पर कार्यरत किए गए।

जानकारों का मानना है कि अगर भाजपा की सरकार योजना का नाम बदलती है तो ऐसे में संविदा भर्ती में शिक्षकों के लिए भविष्य में संकट आ सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार योजना बदलने के साथ शिक्षकों का किस तरह से ख्याल रखती है।

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