छठ महापर्व 2024 : नहाय-खाय के साथ आज से महापर्व की शुरुआत, व्रती रखेंगे 36 घंटे का निर्जला उपवास

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- नवापारा नगर सहित पूरे छत्तीसगढ़ और देश में आज से नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। चार दिनों तक यह छठ पूजा चलेगी। नवापारा नगर में वर्षों से नेहरू घाट पर छठ पूजा पर्व मनाया जाता हैं। यहां व्रती सूर्य देव और छठी मैया की पूजा उपासना करेंगे। छठ का यह पर्व बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में ज्यादा मनाया जाता है, लेकिन पिछले एक दशक से छत्तीसगढ़ में भी इस पर्व का उत्साह देखा जा रहा है। 

नवापारा नगरपालिका CMO प्रदीप मिश्रा ने बताया कि पालिका द्वारा घाटों में साफ सफाई, लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। समाज द्वारा नयापारा और राजिम के मध्य प्रवाहित त्रिवेणी संगम के तट पर नवापारा नगर में इसकी तैयारी जोरों शोरो पर शुरू हो गयी है। छठ घाट की साफ सफाई की गयी है। इस पूजा में शामिल होने आसपास के ग्रामीण भी पहुंचते है।

इस पूजा मे शामिल होने नगर सहित अंचल के आस पास के तर्री , शीतलापारा, पारागाँव हनुमान एग्रो एवं राजिम से समाज के लोग शामिल होते है। समाज कि महिलाओं शैल देवी विश्वकर्मा, रेखा, हेमलता, बसंती, पूनम, प्रतिभा विश्वकर्मा, सरिता सिंह ने बताया कि छठ पूजा का ये व्रत संतान की दीर्घायु और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं। छठ मैया का पिंड बनाकर दौरा रखते है और छठ माता की पूजा के साथ प्रत्यक्ष सूर्य देव की पूजा की जाती है। 

छठ पूजा का पहला दिन- नहाय खाय

महापर्व छठ पूजा का आरंभ नहाय खाय के साथ होता है। इस दिन व्रती महिलाएंभोर में उठकर स्नान आदि कर नए वस्त्र पहल सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं। इसके बाद सात्विक आहार ग्रहण कर अपने व्रत को शुरू करती हैं। नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात यानी चावल खाया जाता है। नहाया खाय का भोजन बिना लहसुन और प्याज के सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। व्रती के खाने के बाद ही परिवार के अन्य लोग नहाय खाय का खाना खा सकते हैं। नहाय खाय के दिन यानी 5 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 36 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 33 पर।

छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना

छठ पूजा के दूसरे दिन आता है खरना। इस दिन व्रती महिलाएं पूरा दिन व्रत करती हैं और फिर रात के समय खीर का प्रसाद ग्रहण करती हैं। खरना के बाद से ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ हो जाता है। छठ व्रत का पारण उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है। वहीं बता दें कि खरना के दिन गुड़, चावल और दूध की खीर बनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने वाली महिला या पुरुष को नमक का सेवन नहीं करना होता है। खरना के दिन यानी 6 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 32 पर।

छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य

छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है। संध्या अर्घ्य 7 नवंबर 2024 को दिया जाएगा। 7 नवंबर यानी छठ पूजा के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा।

छठ पूजा का चौथा दिन- उषा अर्घ्य

छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसे उषा अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाओं भोर के समय जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य के बाद इसी दिन व्रती महिलाएं छठ व्रत का पारण करती हैं। उषा अर्घ्य 8 नवंबर 2024 को दिया जाएगा। 8 नवंबर यानी छठ पूजा उषा अर्घ्य के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा। उक्त जानकारी समाज के राकेश कुमार विश्वकर्मा द्वारा दी गई है।

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