बच्चों को शिक्षा ऐसी दे, जिससे वे विकसित भारत की कल्पना कों साकार कर सके – विजय गोयल
शिशु मंदिर नवापारा में नवीन आचार्य संकल्पना प्रशिक्षण का समापन समारोह हुआ आयोजित
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज)नवापारा :- सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा में आठ दिवसीय नवीन आचार्य संकल्पना प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह आयोजित किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नवापारा विजय गोयल, विशेष अतिथि लक्ष्मण राव मगर जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी, मानिक उन लाल साहू राजिम विभाग समन्वयक प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख, श्री राम जानकी शिक्षण समिति नवापारा के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल दुबे, प्राचार्य गौरी शंकर निर्मलकर ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
राजिम विभाग समन्वयक मानिक लाल साहू बताया कि विद्या भारती की पहचान और कार्य पद्धति की जानकारी के लिए नवीन संकल्पना वर्ग किया गया । इसमें राष्ट्रीय मुद्दे से संबंधी संवाद पर विचार विमर्श के साथ सत्र शैक्षिक गतिविधि की गई । राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शारीरिक वंदना सत्र आयोजित किए गए । खेल खेल में शिक्षा का अभ्यास किया गया। कार्यक्रम में देवनारायण साहू संगठन मंत्री छ.ग., गोपाल यादव प्रांत सह कार्यवाहक, लोकानाथ साहू जिला कार्यवाहक रायपुर, गोविंद चौधरी राजिम प्राचार्य का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
सर्वांगीण विकास के लिए करेंगे कार्य
प्रशिक्षार्थी परमेश्वर यादव बसना ने अपने अनुभव साक्षा करते हुए कहा कि अच्छे कार्य के लिए अच्छी शुरूवात होना जरुरी हैं और हम सुबह प्रातः स्मरण कर अन्य गतिविधी करते थे। संस्कार से चरित्र निर्माण किया जाता है यहां शारीरिक, मानसिक, प्राणिक, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ। जिसे हम अपने जीवन में उतार कर बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करेंगे।
प्रशिक्षण एक तपस्या है
मुख्य अतिथि विजय गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दे जिससे वे विकसित भारत की कल्पना कों साकार करने में योगदान दें सके। जब तक धार्मिक भावना से ओतप्रोत संस्कारित शिक्षा नही देंगे तब संस्कृति को बचाने की उम्मीद कैसे करेंगे? शिशु मंदिर इस बात में अग्रणी संस्था हैं। शिक्षको का काम हैं बच्चो में माता -पिता गुरु के प्रति सम्मान भाव जागृत करना। आज सोशल मिडिया का जमाना हैं बच्चों को मोबाईल की लत किसने डाली और वे किस दिशा में किस दिशा में जा रहे? मोबाईल पर रोक कैसे लगाए इस पर चिंतन करे। माताएं भी इसके लिए जिम्मेदार है। कहते हैं गर्भावस्था में आप जो करते है जन्म के बाद वहीं बच्चा सीखता है इसलिए इस अवस्था में मोबाइल का प्रयोग बिल्कुल न करें।
लक्ष्मण राव मगध ने कहा कि इस प्रशिक्षण में जो सीख मिली है उसे बच्चों तक पहुंचाना है। प्रशिक्षण एक तपस्या है बच्चों के भविष्य को बनाने के लिए, अन्य विद्यालयों से अलग ही है शिशु मंदिर की शिक्षा प्रणाली जो वास्तविक धरातल पर जीवन जीने की कला देती हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी नें कहा हैं समर्थ और श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य को वे अकेले पूर्ण नही नहीं कर सकते विद्या भारती के दम पर यह संभव हैं। जब सेवाभाव से भरे ईमानदार राष्ट्रभक्त समर्पित व्यक्ति प्रशासनिक तंत्र पर बैठेंगे तभी देश का सही विकास होगा और ऐसे कार्यकर्ता शिशु मंदिर से तैयार होते है । आज देश विदेश में अपने ज्ञान से संसार का नाम रोशन कर करे यहां के बच्चें । हमें ऐसे समाज की रचना करना जिससे भारत माता की जय हो।
इनका रहा महत्वपूर्ण योगदान
प्रशिक्षक के रूप में अश्वनी निषाद खरोरा, रूपेश साहू कसेकेरा, उत्तम साहू राजिम, नामदास लहरे प्रधानाचार्य राजिम, मनोज कुमारी साहू महासमुंद उपस्थित रहें। अतिथि परिचय प्राचार्य गौरीशंकर निर्मलकर ने एवं आभार प्रदर्शन प्रफुल्ल दुबे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक नरेश यादव, दीपक देवांगन, नरेंद्र साहू, सरोज कंसारी, रेणु कुमार निर्मलकर, तामेश्वर साहू, नंद कुमार साहू, नारायण पटेल, संजय सोनी, वाल्मिकी धीवर, परमेश्वर सिन्हा, कन्या भारती से हर्षिता यादव, पूनम शर्मा, पिंकी मराठा, पायल साहू, ऐश्वर्या साहू, वर्षा देवांगन, खुशबू साहू, गुनीता साहू अन्य कर्मचारी हेमनाथ साहू, लव पटेल, जानकी साहू, आशा सिन्हा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।
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