लोक सेवा आयोग ने मूल्यांकन प्रक्रिया पर उठाए गए सवालों को किया खारिज, जानिए क्या है मामला
निष्पक्षता और गोपनीयता बनाए रखने का दिया भरोसा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राज्य सेवा (मुख्य) परीक्षा-2024 के मूल्यांकन को लेकर कुछ न्यूज वेबपोर्टल्स में प्रकाशित खबरों पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने कड़ी आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा है कि 03 मूल्यांकनकर्ताओं के नाम उजागर कर परीक्षा प्रक्रिया पर प्रश्न उठाने का प्रयास किया गया, जबकि आयोग निष्पक्ष, पारदर्शी और त्रुटिरहित मूल्यांकन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विषय के प्रश्न-पत्र, प्रश्न और उप-प्रश्नों के मूल्यांकन हेतु बड़ी संख्या में विषय-विशेषज्ञों को आहूत किया जाता है। साथ ही मूल्यांकन की प्रक्रिया कई स्तरों पर जांच से गुजरती है और इसमें गोपनीयता बनाए रखना सभी की बाध्यता है।
जानबूझकर बनाया निशाना
आयोग का मानना है कि कुछ व्यक्तियों ने व्यक्तिगत द्वेष की भावना से मूल्यांकनकर्ताओं, जो एक ही संस्था में कार्यरत हैं, को निशाना बनाकर जानबूझकर आयोग की प्रक्रिया को संदिग्ध ठहराने का प्रयास किया है।
आयोग ने कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही, मूल्यांकनकर्ताओं के नाम उजागर करने के स्रोत की जानकारी जुटाई जा रही है और विभागीय या अन्य विधिक कार्यवाही यथासमय की जाएगी।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक कुछ न्यूज पोर्टल पर CGPSC की आंसरशीट जांचने का जिम्मा अनुभवहीन शिक्षकों को सौंपने की खबर प्रकाशित की गई थी। जिसमें बिलासपुर के एक कालेज के शिक्षकों के नाम भी शामिल थे। जिस पर सवाल उठाया गया था कि जब अनुभवी शिक्षक मौजूद हैं, तो फिर उन्हें दरकिनार कर शिक्षाकर्मी से बने लेक्चरर्स को कॉपियां जांचने का काम क्यों दिया गया?
वहीं नामों के सार्वजनिक होने पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने राज्य सरकार पर छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग (CGPSC) को बर्बाद करने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि CGPSC परीक्षा की गोपनीयता भंग हो चुकी है और उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वालों के नाम तक सार्वजनिक हो रहे हैं। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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