मुख्यमंत्री पाटेश्वर धाम में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव में हुए शामिल, ब्रम्हलीन गुरुदेव राम जानकी दास की समाधि निर्माण कराने की घोषणा
मंदिर परिसर में हाई मास्ट लाईट लगाने एवं मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए शेड निर्माण कराने की घोषणा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरू पूर्णिमा के अवसर पर बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखण्ड स्थित जामड़ी पाटेश्वर धाम आश्रम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने वहां सत्संग स्थल कौशल्या धाम में संत योगी बालकदास से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर सांसद श्री भोजराज नाग सहित श्री देवलाल ठाकुर एवं अन्य अतिथियों के अलावा, आई.जी. रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, एस.पी. जे.आर. ठाकुर तथा अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने ब्रम्हलीन संत राम जानकी दास के समाधि स्थल में पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और सत्संग स्थल परिसर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया। मुख्यमंत्री ने शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव को संबोधित करते हुए उपस्थित सभी लोगों का स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने पाटेश्वर धाम में ब्रम्हलीन गुरुदेव राम जानकी दास की समाधि निर्माण कराने तथा मंदिर परिसर में हाई मास्ट लाईट लगाने एवं मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए शेड निर्माण कराने की घोषणा की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जुगेंरा प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास की सीटें 50 से बढ़ाकर 100 करने की घोषणा की।
कोसमनारा में दर्शन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अपने रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री साय ने श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी भी उपस्थित रहे।
कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम आस्था का केंद्र के रूप में विख्यात है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा सत्यनारायण और भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते है। बाबा सत्यनारायण पूरे दिन भोलेनाथ की तपस्या और ध्यान में लीन रहते है और आधी रात में केवल एक बार सामान्य अवस्था में आते हैं। इस दौरान बाबा फल और दूध ग्रहण करते हैं तथा आश्रम में मौजूद भक्तों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनकर उसका समाधान इशारों में ही बता देते हैं। बाबा सन् 1998 से तपस्या में लीन है और 2003 में उन्हे 108 की उपाधि मिली, तब से बाबा धाम की प्रसिद्धि के साथ श्रद्धालुओ की संख्या बढ़ी है।
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