सावन का पहला सोमवार : श्री कुलेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, 45 हजार पार्थिव शिवलिंग का हुआ निर्माण

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- रिमझिम बारिश के साथ सावन का महीना लगते ही शिव भक्तों के चेहरे पर अलग ही चमक देखने को मिलती है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित श्रावण मास शिव भक्तों के विशेष महत्व रखता है।  इस वर्ष श्रावण मास का पहला दिन सोमवार से प्रारम्भ हो रहा है और समापन भी अंतिम श्रावण सोमवार को होगा। जिसे बहुत ही शुभ एवं मंगलदायक माना गया है।

     सावन मास के पहले सोमवार श्री कुलेश्वरनाथ का शृंगार

सावन मास के पहले दिन राजिम क्षेत्र में सावन के पहले सोमवार छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम त्रिवेणी संगम बीच स्थित भगवान कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा। देर रात से हो रहे रिमझिम फुहारों के बीच दूर-दूर से श्रद्धालुजन भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा करने अपने परिवार के साथ पहुंचते रहे।

हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजा दरबार

        लगातार बारिश से त्रिवेणी संगम में बढ़ा जलस्तर

श्रीकुलेश्वर नाथ महादेव का दरबार हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजता रहा। मंदिर में भीड़ को देखते हुए पुजारियों द्वारा क्रमवार दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है। महिलाएं एवं युवतियां पूरे विधिविधान के साथ दूध और पवित्र जल से भोलेनाथ को स्रान करा आरती और भोग चढ़ाते हुए भोलेनाथ को प्रसन्न करते दिखी। भगवान शिव के प्रिय कनेर फूल, धतूरा ,बेल, बेल पत्र से पूजन कर भक्तों ने अपनी मनोकामना पूर्ण करने आशीर्वाद मांगा। महिलाओं और युवतियों की श्रद्धा भक्ति देखते ही बन रही थी।

इसी तरह गरियाबंद जिले में स्थित विश्व के सबसे ऊंचे भूतेश्वर महादेब, बाबा गरीबनाथ मंदिर में भी सुबह से ही शिवभक्तों का तांता लग गया रहा। इसके अलावा ब्रह्मचर्य आश्रम, नवापारा के राधाकृष्ण मंदिर, भूतेश्वर नाथ, मामा भांजा, सोमेश्वर नाथ के अलावा पंचकोशी धाम के कोपेश्वर नाथ, फणेश्वर नाथ, ब्रम्हणेश्वर नाथ, पटेश्वर नाथ, चंपेेश्वर नाथ मंदिरों में भी सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक कर अपनी मनोकामना मांगी।

45000 हजार पार्थिव शिवलिंग निर्माण

पार्थिव शिवलिंग का निर्माण

दद्दा शिष्य मंडल एवं राधाकृष्ण मंदिर ट्रस्ट के द्वारा पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन का आयोजन किया जा रहा है।जहां आज सावन मास के पहले दिन 45000 हजार पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया। निर्माण पश्चात दद्दा शिष्य मंडल ने प्रत्येक शिव भक्तों तक पंचामृत, बिल्वपत्र, पुष्प, अगरबत्ती, दीपक पहुंचाया। पंडित संतोष मिश्रा, देवेंद्र दुबे एवं अन्य ब्राम्हणों द्वारा विधि विधान से पार्थिव शिव लिंग का अभिषेक, पूजन, आरती कराने के पश्चात त्रिवेणी संगम में विशर्जन किया गया।

बता दे कि यह आयोजन राधाकृष्ण मंदिर में सावन मास के प्रत्येक सोमवार को किया जाएगा। भगवान शिव की सबसे बड़ी पूजा पार्थिव शिवलिंग निर्माण ही मानी गई है। अतः समिति द्वारा अधिक से अधिक भक्तों को पार्थिव शिवलिंग निर्माण में भाग लेने की अपील की गई  है।

छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/FzPuwVGamn3JPUWBsjsyuH

यह खबर भी जरुर पढ़े

Belpatra Khane Ke Fayde : सेहत के लिए है भगवान शिव का वरदान,अनगिनत गुणों का खजाना

Related Articles

Back to top button