डॉक्टरों की लापरवाही ने ली नवजात शिशु की जान, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला
पीड़िता के भाई नें मीडिया के सामने बताया अपना दुखड़ा
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद जिले के एक अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल, ब्लॉक मुख्यालय छुरा में स्थित छत्तीसगढ़ श्री संकल्प हॉस्पिटल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की जान चली गई। घटना के बाद पीड़ित परिजनों ने शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार फिंगेश्वर थाना क्षेत्र के ग्राम पथर्री निवासी राम सिंग कमार की पत्नी निराबाई कमार 7-8 माह से गर्भवती थी। इसलिए दंपत्ति छुरा में रहकर ईलाज करा रहे थे। बताया गया कि राम सिंग कमार ने अपनी गर्भवती पत्नी नीराबाई का इलाज कराने छुरा के निजी अस्पताल श्री संकल्प मिशन छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल में पहुंचे थे। इस दौरान डॉक्टरों ने उन्हें इंजेक्शन एवं बॉटल लगाया और डॉक्टरों ने चेकअप के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की स्थिति नार्मल बताया। उपचार के बाद वे घर लौट आए।
अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
पीड़िता के भाई उगेश कमार ने बताया कि रात को अचानक करीब 12 बजे नीरा बाई की तबीयत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उसे रात में ही श्री संकल्प मिशन छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने महिला के बच्चे की पेट में मौत होने की जानकारी दी और फिर कुछ घंटे बाद नार्मल डिलवरी किया गया। जिसमें नवजात बच्ची को मृत पाया गया। परिवार वालो ने हॉस्पिटल प्रबंधक के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
परिजनों का कहना है कि डॉक्टर द्वारा डिलीवरी तिथि माह अक्टूबर को बताया गया था, लेकिन नीरा का गलत ईलाज किया गया है, जिसके कारण बच्चे की मौत हुई है। पीड़िता के भाई उगेश कमार ने मीडिया के सामने अपना दुखड़ा सुनाते हुए शासन-प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उगेश ने पुलिस सहित क्षेत्र के विधायक को जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए आवेदन सौंपा है।
अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल
इधर परिजनों ने महिला की स्थिति को देखते हुए दूसरे अस्पताल में भर्ती किया है, जहां उसका उपचार जारी है। वहीं घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे है कि क्या अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं शिशु रोग विशेषज्ञ उपस्थित थे या नहीं? यदि महिला की स्थित गंभीर थी, तो इसकी जानकारी परिजनों को पहले क्यों नहीं दी गई ? विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा उपचार किया गया या जानबूझकर महिला की जान जोखिम में डाला गया? वहीं इस मामले में जब अस्पताल संचालक से संपर्क किया गया, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इधर अस्पताल के डॉक्टर भी बचते नजर आए।
जांच के बाद दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई
छुरा थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम ने बताया कि परिजनों की शिकायत के बाद नवजात शिशु के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
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