क्रूरता की सारी हदें पार : निर्दोष कुत्ते का पैर बांधकर रेलवे ट्रैक पर फेंका, दो टुकड़ों में कटी बॉडी, लिखित शिकायत के बाद आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। दुर्ग जिले के भिलाई के खुर्सीपार क्षेत्र में किसी शरारती ने एक बेजुबान कुत्ते के साथ ऐसी हैवानियत की, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार, कुत्ते के हाथ-पैर बांधकर उसे बोरी में भरकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया, जिससे ट्रेन की चपेट में आकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
मामला खुर्सीपार पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत का है। यह घटना 22 मार्च शनिवार की बताई जा रही है। इस दिल दहलाने वाली घटना को लेकर पुलिस ने FIR के पूर्व जांच शुरू कर दी है।
PFA ने थाने में दी लिखित शिकायत
मंगलवार 25 मार्च को लोकल रहवासियों के बयान पर PFA दुर्ग भिलाई की ओर से धनंजय, अपूर्व, कुशाल, मिलिंद, विनोद समेत कई लोगों ने थाने में उपस्थिति दर्ज कराई और लिखित शिकायत दी। पुलिस ने घटना स्थल से जुड़े कुछ संदिग्ध आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई है। सूत्रों के अनुसार, “डेरा बस्ती” में कई नशेड़ी और अपराधी किस्म के लोग रहते हैं, स्थानीय लोगों का शक हैं कि यह क्रूरता उन्हीं में से किसी ने की होगी। हालांकि, जांच जारी है और पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, लेकिन संभावित आरोपी जल्द ही गिरफ्तार हो सकते हैं।
जानवरों के लिए भारत में कानून
भारत में जानवरों के प्रति क्रूरता रोकने के लिए सख्त कानून हैं, जैसे कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 325 के तहत। हालांकि, इस तरह के मामलों में पुलिस की धीमी कार्रवाई पर सवाल उठते रहे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो समाज में हिंसा और अमानवीयता को बढ़ावा मिलेगा।
PFA ने कहा कि, इस घटना ने समाज को एक बार फिर जागरूक होने का संकेत दिया है। हम सभी को मिलकर बेजुबानों के खिलाफ हो रही क्रूरता का विरोध करना होगा। इस कृत्य को अंजाम देने वाले दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
PFA की मांग
1. दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. पशु क्रूरता को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और सख्त कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
3. पुलिस और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को हल्के में न लें और तुरंत कार्रवाई करें।
4. समाज को जागरूक किया जाए और बेज़ुबानों के प्रति दया और करुणा की भावना को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि समाज में इस तरह की घटनाओं के बढ़ने से समाज में असंवेदनशीलता और हिंसा का खतरा उत्पन्न होता है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है, और हमें मिलकर दोषियों को सजा दिलवाने और पशु अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
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