नवापारा ब्रेकिंग: 4 बेटियों के पिता ने की आत्महत्या, परिजनों ने एम्स के डॉक्टरों को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बात…
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) नवापारा-राजिम:- नवापारा से 10 किमी दूर ग्राम जौंदा के रहने वाले एक मजदूर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि मृतक पेट दर्द से काफी परेशान था। पिता के आत्महत्या करने बाद उनके चार बेटियों के भविष्य की चिंता खड़ी हो गई है। वहीं घटना को लेकर परिवार के लोगों ने एम्स के डॉक्टरों और प्रबंधन को जिम्मेदार बता रहे हैं। मामला रायपुर जिले के गोबरा नवापारा क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार गोबरा नवापारा क्षेत्र के ग्राम जौंदा के रहने वाले किशन सालभर पहले पेट दर्द से परेशान था। बताया जा रहा है कि उसके पेट में मवाद भरा हुआ था, जिसके इलाज कराने के लिए वह एम्स रायपुर गया था। एम्स में डॉक्टरों ने किशन को भर्ती कराया। फिर मवाद निकालकर उसके पेट में 2 पाइप लगाई थी। साल भर तक ठीक रहने के बाद पिछले कुछ दिनों से किशन के पेट में अचानक दर्द शुरू हो गया। जब स्थिति ज्यदा खराब हुई तो परिवार के लोगों ने रविवार को उसे लेकर फिर एम्स के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। बताया जा रहा है कि एम्स में डॉक्टरों ने नार्मल बताकर किशन को भर्ती नहीं लिया और न ही इलाज किया। जबकि किशन पेट दर्द से काफी परेशान था।
धर्मशाला के छत पर लगाई फांसी
मृतक के परिजनों ने कहा कि एम्स के डॉक्टर मरीज को 2 दिनों तक बहाने बनाकर घुमाते रहे। इस बीच मृतक और उसकी पत्नी बिसाहिन बाई इलाज की उम्मीद में एम्स से कुछ दूरी पर स्थित टाटीबंध के गुरुद्वारा धर्मशाला के एक कमरे में किराए पर रुके रहे। आखिरकार बेतहाशा दर्द से परेशान मृतक ने 24-25 जुलाई की दरमियानी रात धर्मशाला की छत पर मौजूद लोहे के एंगल में अपने गमछे से फांसी का फंदा बनाया और झूल गया। सुबह जब मृतक की पत्नी उठी तो कमरे में अपने पति को मौजूद ना पाकर उसकी खोजबीन शुरू की, जिसके बाद मृतक की लाश उसे छत पर फांसी पर लटकती मिली।
एम्स के डॉक्टर मौत के जिम्मेदार
मृतक के शोकाकुल परिजन, घटना के लिए एम्स के डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मृतक की पत्नी बिसाहिन बाई और मृतक का भाई कृष्णा विश्वकर्मा, मृतक की मौत के लिए साफ तौर पर एम्स प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दोनों का आरोप है कि, अगर एम्स प्रबंधन ने थोड़ी सी संवेदनशीलता दिखाई होती तो शायद आज मृतक जीवित होता है। जो कुछ उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ ना हो।
अंधकार में 4 बेटियों का भविष्य
जानकारी के अनुसार मृतक रोजी-मजदूरी का काम करता था और पेट दर्द के कारण पिछले डेढ़-दो महीने से काम पर नहीं जा पा रहा था। मृतक की 4 बेटियां हैं, जो कि लगभग 10 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक की हैं। मृतक द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद अब चारों के भविष्य की चिंता मृतक की पत्नी और उसके परिजनों को सताने लगी है।