नहीं रहे पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल व्यास, मंशानुरूप पार्थिव शरीर एम्स को किया गया दान

स्वर्गीय श्री व्यास के मंशानुरूप उनका पार्थिव शरीर एम्स को किया गया दान

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- पूर्व राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्रद्धेय गोपाल व्यास का लंबी बीमारी के बाद कल प्रात: 6:45 बजे देहावसान हो गया। उन्होंने 93 वर्ष की आयु में अंतिम श्वास ली। उनका जन्म 15 फरवरी 1932 में रायपुर में हुआ था। उन्होंने जबलपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली और भिलाई स्टील प्लांट में सीनियर इंजीनियर के रूप में सेवाएं दीं।

वे बाल्य काल में ही संघ के स्वयंसेवक बने। ततपश्चात श्री व्यास ने प्रांत कार्यवाह, प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक आदि विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। जब वे भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत थे, तब प्रान्त कार्यवाह रहे। फिर नौकरी से वीआरएस लेकर उन्होंने सम्पूर्ण जीवन संघ की सेवा में समर्पित कर दिया। वे महाकौशल प्रान्त के प्रांत प्रचारक रहे। विश्व हिन्दू परिषद के अखिल भारतीय सयुंक्त महामंत्री रहे।

परिस्थितियों के साथ समझौता नहीं किया

व्यास जी ने संघ कार्य विस्तार के लिए जबलपुर से रायपुर पैदल यात्रा भी की। संघ गांव-गांव, घर-घर पहुंचे, इसके लिए प्रयत्नशील रहे। वर्ष 1975 से 1977 तक आपातकाल में जेल में रहे। आपातकाल में जेल में रहते ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। उनका पूरा जीवन त्यागमय था। वे अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कभी परिस्थितियों के साथ समझौता नहीं किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपने जीवन में सर्वोच्च माना।

उनके पास केवल दो ही कार्य थे, एक नौकरी और दूसरा संघ कार्य। उनके साथ कार्य कर चुके लोग उन्हें सन्त के रूप में याद करते हैं। वे मिलनसार थे। जिससे भी मिलते थे तो बड़े प्रेम से मिलते थे। लोगों को कभी ये नहीं लगता था कि वे पहली बार उनसे मिल रहे हैं। एक बार सर संघचालक का आगमन दुर्ग में होने वाला था। केवल दो दिन में पत्रक बांटने थे। उस समय दुर्ग बहुत बड़ा जिला हुआ करता था। कवर्धा, बेमेतरा, छुईखदान तक फैला हुआ था। तब वे एक अन्य स्वयंसेवक के साथ स्कूटर में निकले और धमधा, देवकर, बेमेतरा, छुईखदान, राजनांदगांव में पत्रक बांटते हुए दो दिन बाद दुर्ग पहुंचे। वे संघ के अथक सेवाधारी स्वयंसेवक थे।

सैकड़ों परिवार उन्हें अपने घर का मुखिया मानते थे

वे वर्ष 2006 से 2012 तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के सदस्य भी रहे। उन्हें दूसरा कार्यकाल देने की बात उठी, तो उन्होंने स्वयं यह कहकर मना कर दिया कि अन्य लोगों को अवसर मिलना चाहिए। उनके सादगीपूर्ण जीवन के अनेक उदाहरण मिल जाएंगे। एक बार राज्यसभा सांसद रहते हुए उन्हें भिलाई में संघ शिक्षा वर्ग में आमंत्रित किया गया। जब उन्हें बताया गया कि उन्हें लेने गाड़ी आ जायेगी तो उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया।

उन्होंने कहा कि वे स्वयं की व्यवस्था से आ जाएंगे। वे बस से भिलाई पहुंचे और वहाँ के स्वयंसेवकों को सूचना दी कि मुझे बस स्टैंड से ले लो। व्यवस्था में उपस्थित स्वयंसेवक उन्हें लेने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि वे कार से नहीं जाएंगे। एक स्वयंसेवक जो कि दुपहिया वाहन से पहुंचे थे, उनकी गाड़ी में पीछे बैठकर वर्ग में पहुंचे। भिलाई के तो सैकड़ों परिवार उन्हें अपने घर का मुखिया मानते हैं।

संसार से विदा होते हुए भी उन्हें समाज की ही चिंता थी, यही कारण है कि उनकी इच्छा के अनुसार उनका देहदान किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प.पू. सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी व्यास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।

छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/BMyxEfaBEgr27vmvZTmCpi

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error:
Parineeti Raghav Wedding : परिणीति राघव हुए एक-दूजे के , सामने आई ये शानदार फ़ोटोज janhvi kapoor :जान्हवी कपूर की ये लुक , नजरे नहीं हटेंगी आपकी Tamanna bhatia : तमन्ना भाटिया ने फिल्म इंडस्ट्री में पूरे किए 18 साल भूतेश्वरनाथ महादेव : लाइट और लेजर शो की झलकिया Naga Panchami : वर्षों बाद ऐसा संयोग शिव और नाग का दिन Belpatra Khane Ke Fayde : सेहत के लिए है भगवान शिव का वरदान Bhola Shankar Film