आयुष्मान कार्ड के नाम पर ठगी: मरीज के परिजनों ने राजिम के जगन्नाथ हॉस्पिटल पर लगाए गंभीर आरोप, फ्री इलाज का झांसा देकर वसूले जा रहे पैसे

आयुष्मान कार्ड से इलाज करने का झांसा देकर कर रहे मरीजों की जान से खिलवाड़

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राजिम के पथर्रा स्थित श्री जगन्नाथ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल पर आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने का झांसा देकर मरीजों से मोटी रकम वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं। इलाज के लिए पहुंचे मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन पहले मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज का भरोसा देकर भर्ती करता है, लेकिन बाद में हजारों रुपये का बिल थमाकर पैसे जमा करने का दबाव बनाता है।

क्या है पूरा मामला

परिजनों के अनुसार भिलाई (आरंग) निवासी बिरझा बाई नवरंगे (60) अपने रिश्तेदारों से मिलने तर्रा आई थीं। वापसी में चौबेबांधा के पास गाड़ी से गिर गई। जहां इलाज कराने राजिम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराकर लाने को कहा। परिजन सीटी स्कैन कराने लाइफ केयर पहुंचे तो वहाँ उपस्थित स्टाफ ने कहा कि यहां आयुष्मान कार्ड से इलाज हो जाएगा नगदी पैसे नहीं लगेंगे। उन्होंने मरीज को वहाँ भर्ती कर दिया फिर शनिवार को डाक्टरों ने परिजनों से कहा कि मरीज की स्थिति ठीक नहीं है उसे दूसरी जगह ले जाओ। साथ ही उन्हें 25 हजार रुपए जमा करने अस्पताल प्रबंध दबाव बनाने लगा।

हॉस्पिटल की लापरवाही से मरीज की स्थिति नाजुक

परिजनों का आरोप है कि मरीज का बेड चेंज करते समय स्टाफ की लापरवाही से मरीज गिर गया था। जिससे उसकी स्थिति और गंभीर हो गई। चेहरे में कुछ जगह चोट के निशान दिखने लगा और खून भी बह रहा था। जिसके बाद डाक्टरों ने उसे अन्यत्र ले जाने की बात कही है। 

आयुष्मान कार्ड से इलाज की नहीं है मान्यता

जगन्नाथ हॉस्पिटल को आयुष्मान कार्ड से इलाज करने की मान्यता अभी तक नहीं मिली है परन्तु क्षेत्र की भोली भाली जनता को झांसा देकर उनका आर्थिक शोषण करने का अड्डा बना लिया गया है। साथ ही शासन की महत्वाकांक्षी योजना का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

मरीज व डॉक्टरों के बयान भिन्न भिन्न

इस मामले की सूचना पाते ही जब मीडिया की टीम ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों और मरीजों से बात की तो डॉक्टर आयुष शर्मा व डॉ. श्वेता पांडे ने साफ तौर पर कहा कि उनके अस्पताल में आयुष्मान योजना लागू ही नहीं है। इसके बावजूद वहां कई मरीज ऐसे मिले, जिन्हें योजना के नाम पर भर्ती किया गया था।

फर्जी रेफर सिस्टम या सुनियोजित लूट?

मरीज के परिजन

एक ही डॉक्टर दो अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कर रहे हैं। एक अस्पताल से मरीज को रेफर कर दूसरे में भेजा जा रहा है, जहां योजनाओं की सुविधा बताकर भर्ती किया जाता है। लेकिन हकीकत में मरीज को मजबूर किया जाता है नकद भुगतान करने के लिए। यह पूरा मामला इस तरह के रेफर सेंटर और फर्जीवाड़े के संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करता है। चूंकि जगन्नाथ हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं होता तो प्रबंधन मरीज को नवापारा स्थित संजीवनी हॉस्पिटल में भेजकर कार्ड से पैसा निकाल लेते हैं।

क्या प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रही हैं प्राइवेट हॉस्पिटल

अगर यह खेल एक मरीज के साथ हो रहा है, तो सवाल उठता है ऐसे कितने मरीज रोज़ इस जाल में फंस रहे हैं?
क्या आयुष्मान भारत योजना केवल कागजों में चल रही हैं? क्या छत्तीसगढ़ में प्राइवेट अस्पताल अब सिर्फ मरीजों को लूटने का अड्डा बन चुके हैं? सरकारी तंत्र क्या इतनी निकम्मी हो चुकी है कि ऐसे हॉस्पिटलों पर कोई लगाम नहीं लग पा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी यू एस नवरत्न ने कहा श्री जगन्नाथ हॉस्पिटल को आयुष्मान कार्ड से इलाज करने की मान्यता नहीं है। आपके माध्यम से जानकारी मिली है,जांच कर कार्यवाही की जाएगी। 

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