छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में गिरफ्तारी दिशानिर्देशों पर जागरुकता कार्यशाला का आयोजन, विधि विभाग के छात्रों ने जानी गिरफ्तारी व कैद से जुड़ी बारिकिया

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- राजधानी रायपुर के प्रतिष्ठित एवं सबसे पुराने शासकीय जे.योगानन्दम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में सेंटर फार द सस्टेनेबल यूज आफ नेचुरल एंड सोशल रिसोर्सेज (CSNR) ओडिसा तथा विधि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को “भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी दिशानिर्देशों पर जनजागरुकता” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में विशेष रूप से एडवोकेट फैजल रिजवी, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की इंस्पेक्टर डाक्टर प्रमिला मंडावी मैडम मौजूद रहीं। महाविद्यालय की ओर से विधी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनिता अग्रवाल , सहायक प्राध्यापक भूपेंद्र करवंदे , सुदीप सार्वा व अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
विधि के विद्यार्थीयों ने जानी गिरफ्तारी और डिटेंशन से जुड़ी बारिकिया
दोनो ही मुख्य वक्ताओं द्वारा छात्रों को जमानती व गैरजमानती अपराधो, संज्ञेय व असंज्ञेय अपराधो, बिना वारंट के गिरफ्तारी, गिरफ्तारी और हिरासत के दौरान प्राप्त अधिकार, गिरफ्तारी के बाद चिकित्सकीय परीक्षण, गिरफ्तारी के दौरान पुलिस की जिम्मेदारियां, हथकड़ी लगाने की पुलिस की शक्ति, महिलाओ को प्राप्त विशेषाधिकार, कानूनी सलाह का अधिकार, गिरफ्तारी का विरोध, अवैध गिरफ्तारी और गिरफ्तारी के विरुद्ध आवाज उठाना, क्या अवरोध अधिकार मानव अधिकारों के अंतर्गत आते है, रिट याचिका का क्या अर्थ होता है, प्रथम सूचना रिपोर्ट क्या होता है, आनलाइन एफ आई आर प्रणाली क्या होती हैं, गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देश आदि विषयो पर विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराईं गई।
छात्रों ने पूछे कई महत्वपूर्ण सवाल, कानून के विशेषज्ञों ने दी जानकारी
विधिक शिक्षा से संबंधित इस कार्यशाला के दौरान विधि के छात्रों द्वारा कई प्रश्न जैसे एस डी एम कार्यालय से धारा 107, 116का नोटिस जारी करना, महिलाओ के मामले में व रात्रि में गिरफ्तार कैसे व किन परिस्थितियों में होती है, पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया, धारा 144 , पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी, जिलाबदर व सी आर पी सी 110 की कार्यवाही की प्रक्रिया, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के मामलो में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्तमान संशोधित प्रक्रिया, सांसदों व विधायको की गिरफ़्तारी की प्रक्रिया से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे गए जिन पर विषेशज्ञ अतिथियों ने विस्तारपूर्ण जानकारी दी।
उक्त कार्यशाला के अंत में उपस्थित छात्र-छात्राओं के स्वल्पाहार की व्यवस्था भी की गई थी।मंच का संचालन विधि विभाग के सहायक प्राध्यापक भूपेंद्र करवंदे द्वारा एवं कार्यक्रम की रूपरेखा डाक्टर विनीता अग्रवाल एवं सुदीप सार्वा द्वारा की गई।

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