गरियाबंद जिले में तनाव: हाइवे जाम करने निकले ग्रामीणों को पुलिस ने लिया हिरासत में… जानिए पूरा मामला
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) गरियाबंद:- जिले में धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर ग्रामीणों के हिंसक प्रदर्शन के बाद मंगलवार को नेशनल हाईवे- 130 सी (अभनपुर-देवभोग) को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं शहर में भी जगह-जगह भारी पुलिस बल तैनात है।
ग्रामीण मंगलवार को भी नेशनल हाईवे को जाम करने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया है। सभी ग्रामीणों को एक ही जगह पर रखने के बजाय उन्हें अलग-अलग इलाकों में रखा गया है, क्योंकि पुलिस को आशंका है कि अगर इन सभी को एक ही जगह रखा गया, तो फिर से ये लोग उग्र हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार देवभोग-धुरूवागूड़ी एफसीआई गोदाम के पास 20 से ज्यादा ग्रामीणों को रखा गया है, वहीं सिंचाई विभाग के रेस्ट हाउस कैंपस में 40 से अधिक ग्रामीणों को रोककर रखा गया है। 50 से ज्यादा गांववाले इंदागांव पुलिस थाना परिसर में नजरबंद हैं। वहीं 30 से ज्यादा लोगों को अमलीपदर थाना कैंपस में रखा गया है। 137 जवान और 6 अधिकारियों की ड्यूटी एरिया में लगाई गई है।
वहीं सोमवार को हुई हिंसा के मामले में 26 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि इनमें भाजयुमो जिला अध्यक्ष माखन कश्यप और पूर्व मंडल अध्यक्ष पुनीत सिन्हा का नाम भी शामिल है। इन सभी के खिलाफ मारपीट, शासकीय काम में बाधा डालने, बलवा, सरकारी संपत्ति नुकसान जैसी 10 धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
एडिशनल एसपी चन्द्रेश सिंह ठाकुर सोमवार से ही मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं माहौल नहीं बिगड़े, इसके लिए सभी प्रदर्शनकारियों को अलग-अलग जगह पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि बाद में सभी को समझा-बुझाकर छोड़ दिया जाएगा। सोमवार को पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। भीड़ ने पहले तो पुलिस टीम पर पथराव किया था, फिर ईंट लेकर पुलिस के पीछे ही दौड़ पड़े। हमले में 3 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। ये सभी लोग धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर जुटे थे, मगर पुलिस से उनकी बहस हो गई थी। जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए थे।
इधर पुलिस-प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाया है। एसडीएम केएस पिस्दा ने कहा कि गांववालों की धान खरीदी केंद्र की मांग मान ली गई है। हालांकि उन्हें बताया गया है कि सरकारी प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है। स्थानीय निवासी मोती जगत ने भी कहा है कि उनकी मांग को माने जाने का आश्वासन मिला है, इसलिए वे अपना आंदोलन स्थगित कर रहे हैं।
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