गुरु एक ज्ञानी पुरुष, संत-महात्मा होते हैं, जो हमें आध्यात्म की ओर ले जाते हैं – विनोद शर्मा
स. शि. मंदिर नवापारा में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा में गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीराम जानकी शिक्षण समिति नवापारा के अध्यक्ष विनोद शर्मा, अध्यक्षता उपाध्यक्ष प्रफुल्ल दुबे, विशेष अतिथि सहसचिव कोमल साहू, सदस्य रविशंकर साहू, प्राचार्य गौरीशंकर निर्मलकर ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में विनोद शर्मा ने कहा कि मां प्रथम गुरु होती हैं। गुरू एक ज्ञानी पुरुष संत-महात्मा होते हैं ,जो हमें आध्यात्म की ओर ले जाते हैं, जो अशांत मन को शांत करने मे सहयोग करते है। संसारिक जीवन की भोग-विलास से दूर भव से पार लागते हैं।जीवन के मजधार को किनारे ले जाते हैं। गुरू ही इस धरती पर साक्षात भगवान हैं, जिनकी प्रेरणा से हम आगे बढ़ते हैं।
प्रफुल्ल दुबे ने कार्यकम में प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दिन हिंदुओ के पहले गुरू महर्षि वेदव्यास जी की पूजा होती हैं। ऐसी मान्यता है की आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन ही उनका जन्म हुआ़ था। जिसने कई धर्मग्रंथों की रचना की ये दिन गुरु के पूजन को समर्पित हैं । शास्त्रों में भी कहा गया हैं की बिना गुरू के भगवान नहीं मिलते। भारतीय संस्कृति में गुरू-शिष्य की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही हैं संस्कृत में गु का अर्थ होता हैं अज्ञान एवं रू का प्रकाश जो हमे सही राह की ओर ले जाते हैं वहीं गुरू है। एक छात्र तभी अपनी मंज़िल तक पहुंच सकता है, जब उसे गुरू का मार्गदर्शन मिले।
गुरू ही ब्रम्हा विष्णु और महेश
रविशंकर साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में गुरू अवश्य बनाना चाहिए। क्योंकी सही गलत का निर्णय लेने की क्षमता देते हैं जिनके बिना चारो तरफ अंधेरा होता है। गुरू ही ब्रम्हा विष्णु और महेश है जों गुरू को प्रतिदिन प्रणाम करते है वे हर काम मे सफ़ल होते है ज्ञान की ज्योति जलाकर ही अज्ञान के अंधेरा को नष्ट कर सकते हैं।
शिक्षक नरेश यादव ने गुरू की महिमा को बताते हुए कहा कि हमे हमेशा गुरू का सम्मान करना चाहिए ।गुरू ही ज्ञान देते है और हमे योग्य नागरिक बनाते हैं। जीवन की कठिनाई का सामना करने की सीख देते हर पग पर वे हमारा पथ-प्रशस्त करते हैं। नैतिकता जीवन का आधार हैं हमारे अबोध मन में सही अर्थ को गढ़ते हैं और सुप्त अवस्था से जागृत करते हैं।
आचार्यों का हुआ सम्मान
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने गुरु की महिमा का गीत भाषण और नृत्य के माध्यम से गीतांजली साहू, अंकित साहू, प्रहलाद साहू, लीना एवं साथी, तेजस्वी साहू ने गुरु की महिमा को गीत भाषण, नृत्य भजन के माध्यम से बताया। समिति की ओर से समस्त आचार्य गणों का सम्मान स्कूल वेश श्रीफल, कलम भेंट कर किया गया। बोर्ड परीक्षा में स्थान प्राप्त क्षमा ध्रुव, मुस्कान साहू, शैलेन्द्र सूर्यवंशी, टामिनी साहू को शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन अपूर्वा ध्रुव एवं युवराज साहू ने किया। आभार सहसचिव कोमल साहू ने किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षक नरेश यादव, दीपक देवांगन, नरेंद्र साहू, सरोज कंसारी, नंद कुमार साहू, तामेश्वर साहू, वाल्मीकि, धीवर, रेणु कुमार निर्मलकर, नारायण पटेल, संजय सोनी, कृष्ण कुमार वर्मा, परमेश्वर सिन्हा, मंजू साहू, ममता साहू, प्रतिभा यादव, नेहा सोनकर, हुलेश्वरी साहू, चेतन साहू, देवकी साहू, लोमेश साहू, गीतांजली नेताम एवं अन्य कर्मचारी हेमनाथ साहू, लव पटेल, जानकी बाँसवर, आशा निर्मलकर, जितेंद्र साहू, मोना निषाद, संदीप बंजारे उपस्थित रहे। उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।
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