नगर पालिका नवापारा में अवैध नल कनेक्शनों की भरमार, हो रही प्रति वर्ष लाखों के राजस्व की हानि

पालिका कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदेह में

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नगर पालिका में कर्मचारियों की मनमानी एक गंभीर समस्या है, जिससे शहर के विकास और लोगों को मिलने वाली सुविधाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई बार कर्मचारी समय पर काम पर नहीं आते या फिर काम को ठीक से नहीं करते, जिससे नगर की सफाई व्यवस्था, पानी की आपूर्ति और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित होती हैं। कुछ मामलों में, कर्मचारी रिश्वतखोरी या अन्य अवैध तरीकों से पैसे कमाते हैं, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है और आम जनता को परेशानी होती है। वहीं कुछ कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनमानी करते हैं। ऐसा ही एक मामला नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा का प्रकाश में आया है।

नवापारा नगर में लगभग 7000 घर मौजूद है वहीं इन घरों में पानी की आपूर्ति के लिए लगभग 4500 नल कनेक्शन लगाए गए है। पानी की आपूर्ति हेतु 30 लाख लीटर क्षमता की चार टंकीयां मौजूद है। सुबह शाम मिलाकर 70 लाख लीटर पानी लोगों को उपलब्ध कराया जाता है। बावजूद इसके आज भी नगर के कई वार्डों में लोगों को पीने के पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण नगर में सैकड़ों की संख्या में लगे अवैध नल कनेक्शन है। जिसका पालिका में किसी भी प्रकार का कोई रिकॉर्ड भी मौजूद नहीं है। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि भी हो रही है।

जलकर वसूली में हो रहा हेरफेर

2011 की जनगणना के आधार पर बीपीएल परिवार के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर सन् 2013 – 14 में भागीरथी नल जल योजना के तहत गैर संपत्तिकर दाता के लिए न्यूनतम 60 रुपए मासिक शुल्क में नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। इन हितग्राहियों से नये कनेक्शन के लिए ली जाने वाली लगभग 7 से 8 हजार की राशि को पूरी तरह मुफ्त कर दिया गया था। मासिक शुल्क भी गैर संपत्तिकर दाता हेतु मात्र 60 रुपए निर्धारित किया गया था। जिसका फायदा सभी हितग्राहियों ने लिया था।

वहीं घरेलू नल कनेक्शन के लिए संपत्तिकरदाता हेतु 180 रुपए प्रतिमाह, गैर संपत्तिकरदाता हेतु 60 रुपए प्रतिमाह, इसी तरह आवास सह व्यवसाय के लिए 300 रुपए प्रतिमाह और व्यवसाय हेतु 600 रुपए मासिक निर्धारित है। परन्तु गोबरा नवापारा में कर्मचारियों की मिलीभगत और अधिकारियों की लापरवाही से जलकर वसूली में शासन को जमकर चूना लगाया जा रहा है। 2013 -14 में जो गैर संपत्तिकरदाता थे उनमें से अधिकतर संपत्तिकरदाता की श्रेणी में शामिल हो चुके है बावजूद इसके आज भी उनसे दशकों पुराना जलकर वसूला जा रहा है। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।

इसी तरह कई घरों में 2 नल कनेशन उपलब्ध है जिसकी मासिक वसूली भी भिन्न भिन्न है। एक ही घर से एक कनेक्शन का 180 रुपए और दूसरे कनेक्शन का 80 रुपय लिया जा रहा है जबकि अगर वे संपत्तिकरदाता है तो दोनों कनेक्शन का 180 रुपए ही लिया जाना चाहिए। और अगर नहीं तो 80 रुपए।

कर्मचारी, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की भूमिका संदिग्ध

जलकर वसूली में हेरफेर करने वाले कर्मचारियों पर अधिकारियों की लगाम नहीं है और ऐसे कर्मचारियों को जनप्रतिनिधियों का मौखिक आदेश भी रहता है कि हमारे वार्ड के लोगों के साथ नरमी से पेश आया जाए। इसका जीता जागता उदाहरण अभी हाल ही में उजागर हुआ है। जहां नगर के विभिन्न वार्डों में जनप्रतिनिधियों के इशारे पर जिम्मेदार कर्मचारियों ने सैकड़ों की संख्या में अवैध नल कनेक्शन रेवड़ी जैसे बांट दिए हैं। जिनसे ना ही किसी भी प्रकार का शुल्क लिया गया है और ना ही किसी प्रकार की आवेदन की प्रक्रिया करवाई गई है। उक्त अनैतिक कार्य से शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हुई है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग नगरवासियों द्वारा की जा रही है।

पूर्व सीएमओ को भुगतना पड़ा खामियाजा

जलकर तथा संपत्तिकर के निर्धारण और वसूली में भारी भरकम अंतर को पूर्व सीएमओ प्रदीप मिश्रा ने पकड़ लिया था। अपनी प्रशासनिक क्षमता के आधार पर धीरे धीरे कड़ाई करते हुए राजस्व की वसूली को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे थे। यही बातें पालिका के कर्मचारियों और कुछ जनप्रतिनिधियों को खटकने लगी थी तो उनका अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया गया। सही राजस्व वसूली की कीमत प्रदीप मिश्रा को ट्रांसफर से चुकानी पड़ी।

कमजोर कानून व्यवस्था

कर्मचारियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यदि नगरपालिका प्रशासन लापरवाह है, तो कर्मचारी भी मनमानी करने लगते हैं। जब तक कर्मचारियों को यह डर नहीं होता कि उनके कार्यों के लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा, जिससे वे मनमानी करते हैं। ऐसे में नगरपालिका प्रशासन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। ताकि ईमानदारी से टैक्स पटाने वाले लोगों को इन सब का खामियाजा ना भुगतान पड़े।

नोटिस जारी किया जा रहा

इस संबंध में नवापारा सीएमओ लवकेश पैकरा ने प्रयाग न्यूज से चर्चा के दौरान बताया कि जिन घरों में अवैध नल कनेक्शन लगा है उन्हें पैसा जमा करने का नोटिस जारी किया जा रहा है। कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर जांच और कार्रवाही की बात पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

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