कलेक्टर के कड़े निर्देश के बाद नींद से जागा खनिज विभाग, दो दिनों से लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाही, रेत माफियाओं में मचा हड़कंप
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा क्षेत्र में रेत का अवैध खनन और परिवहन का काला कारोबार दिनों दिन बढ़ते ही जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा नाम मात्र की कार्रवाही की जा रही थी। रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने संज्ञान लेते हुए खनिज अधिकारियों को कार्रवाही करने के कड़े निर्देश दिए। जिस पर अमल करते हुए खनिज विभाग के अधिकारी लगातार दो दिनों से क्षेत्र में चल रहे अवैध रेत खदानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाही कर रहे है। जिससे रेत माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के तर्री एवं पारागाँव में लगातार रेत का अवैध खनन किया जा रहा था। जिसकी ना तो विभाग से कोई अनुमति ली गई है और ना ही रायल्टी जमा की गई है। कलेक्टर के आदेशानुसार व उप संचालक खनिज के.के गोलघाटे के निर्देशानुसार सोमवार को रेत खदानों का निरीक्षण करते हुए तर्री अवैध रेत घाट से 1 हाईवा रेत व एक चेन माउंटेन मशीन को जप्त कर नयापारा थाना में सुपुर्द किया।
अगले ही दिन मंगलवार को नवापारा से लगे पारागाँव में चल रहे अवैध रेत खदान में खनिज अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे। लेकिन रेत तस्करों को इसकी भनक लगते ही सभी गाड़ियां और चैन माउन्टेन मौके से हटा ली गई। जिसे अधिकारी नदी में ढूंढते रहे। जिसके बाद अधिकारियों ने घाट में बने रैम को जीसीबी मँगवा कर नष्ट कराया।
ये अधिकारी कर्मचारी रहे मौजूद
उक्त कार्यवाही में सहायक खनिज अधिकारी उमेश भार्गव, खनिज निरीक्षक जागृत गायकवाड़, सुपरवाइजर सुनीलदत्त शर्मा व सैनिक राजू बर्मन, केदार वर्मा, तारकेश्वर वर्मा, अज्जु मानिकपुरी व दयाराम साहू सम्मिलित थे। सहायक खनिज अधिकारी उमेश भार्गव ने बताया कि जिले में किसी भी प्रकार के खनिजों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जायेगी।
नाम मात्र की कार्रवाही- कमाई लाखों में
बता दे कि अवैध रेत उत्खनन व परिवहन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनिज विभाग की कार्रवाई के बाद भी रेत माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उच्च अधिकारियों द्वारा कड़े निर्देश के बाद खनिज विभाग भी इन पर शिकंजा कसने कोशिशें कर रही है, लेकिन रेत माफिया काला कारोबार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
खनिज विभाग कार्रवाही कर जुर्माना भी ठोंक रही है, लेकिन बताया जाता है कि रेत के कारोबार में काली कमाई इतनी है कि यदि वे 30 दिन 24 घंटे काला कारोबार कर रहे हैं और एक दिन पकड़े जाते हैं तो एक दिन की कमाई नहीं सहीं। मिली जानकारी के अनुसार ये एक दिन में 15 से 20 हजार रुपए की कमाई करते है इस हिसाब से 30 दिन में 5 से 6 लाख तक की कमाई कर रहे है। यदि एक दिन पकड़े भी जाते हैं तो उन्हें 10 हजार रुपए से अधिक जुर्माना नहीं पड़ता। इसलिए उन्हें कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता।
बड़ी कार्रवाही की जरूरत
इन्हे रोकने के लिए किसी बड़ी और लगातार कार्रवाही की जरूरत है। जिससे इनके हौसले पस्त हो। एक दो दिन की कार्रवाही करने के बाद महीनों इस पर ध्यान नहीं दिया जाता। कम चालानी कार्रवाही और रैम्प को पूरी तरह से नष्ट नहीं करने के कारण कार्रवाही के कुछ ही घंटों बाद पुनः निर्माण कर यह काला धंधा फिर से शुरू हो जाता है।
कौन कौन से घाट से हो रहा संचालन
पारागाँव :- महानदी के तट पर नवापारा से लगा पारागाँव बसा हुआ है। इस गाँव में चार अवैध रेत खदान संचालित है। एक घाट का संचालन स्थानीय राजनीति में दखल रखने वाले प्रभावी नेता के करीबी लोग कर रहे है। दूसरा खदान सक्रिय राजनीतिक सेंटर से संचालित हो रहा है। इसकी आढ़ लेकर तीसरा और चौथा खदान भी चलाया जा रहा है। इन खदानों को A,B,C के नाम से जाना जाता है। बता दे कि जून 2024 में इसी रेत घाट में एक मजदूर की मौत हुई थी।
तर्री : – कड़ी कार्रवाही नहीं होने से नये नये घाट भी खुलते जा रहे है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण नवापारा से लगे ग्राम तर्री में मुक्तिधाम के पास देख सकते है। यहाँ दो घाट बनाकर नदी से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। जिसके परिवहन के लिए बाकायदा मणिकंचन केंद्र के पास तटबंध को जेसीबी से काट कर रास्ता बनाया गया है। ये राजस्व की क्षति तो कर ही रहे है साथ साथ सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे है।
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