देखो हो देखो, देखो री देखो, नखरे बरखा रानी के, वक्ता मंच की मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने दी प्रस्तुति

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– सामाजिक व साहित्यिक संस्था ” वक्ता मंच” की मासिक काव्य गोष्ठी 27 जुलाई की संध्या वृन्दावन सभागृह में संपन्न हुई l इसमें प्रदेश भर से आये 60 से अधिक कवियों ने ” वर्षा ऋतु” विषय पर प्रस्तुति दी l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप जोशी थे l अध्यक्षता चंद्रकला त्रिपाठी ने की l यतीश श्रीवास्तव, टी के भोई, लतिका भावे, डॉ महेंद्र ठाकुर एवं राजकुमार धर द्विवेदी विशेष अतिथि की आसंदी पर उपस्थित थे l

इस अवसर पर 2 बाल कवयित्रियों दुर्ग की आद्या प्रियदर्शिनी बिनोये एवं रायपुर की दिव्यांका पुरोहित की विशेष प्रस्तुति रखी गई थी एवं उनका सम्मान किया गया l वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार धर द्विवेदी के नई दुनिया के उप संपादक पद से सेवानिवृत्त होने के उपलक्ष्य में विशेष रूप से सम्मान समारोह संपन्न हुआ l

कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते एवं संयोजन संयोजक शुभम साहू द्वारा किया गया l आरम्भ में संस्था की संरक्षिका ज्योति शुक्ला द्वारा स्वागत भाषण दिया गया l देर रात तक चली काव्य गोष्ठी की प्रमुख प्रस्तुतियां इस प्रकार रही:-

लतिका भावे:-

रिमझिम रिमझिम रिमझिम रिमझिम
नूपुर बरखा रानी के
टिप टिप टिप टिप टिप टिप टिप टिप
ढोल बरखा रानी के
चंचल शीतल पवन झकोरे पांव बरखा रानी के
देखो हो देखो, देखो री देखो, नखरे बरखा रानी के l

सूरज प्रकाश:-

सही को सही और गलत को गलत बताना है
युवा पीढ़ी को हमें चीजें सही सिखाना है
और हर जगह सीमेंट मत बिछाओ साहेब
मुझे अपने बच्चों को कीचड़ भी दिखाना है l

शिवानी मैत्रा:-

तपती झुलसती गर्मी से मिली हमें राहत है
वर्षा रानी तुम्हारा स्वागत है
हरियाली छाई चारों ओर
जंगल में नाचे मोर
बादल बरस रहे घनघोर
वर्षा रानी तुम्हारा स्वागत है l

सुषमा प्रेम पटेल:-

सावन की मनभावन ऋतु में
घटा श्यामल भाती है
बूंदों में हरियाली हंसती
सुषमा गीत सुनाती है l

चेतन भारती:-

हरियर हरियर लुगरा पहिरे
दुल्हन कस खेती दमकत हे
भुईया ल सूरज के मया मिले ले
उमंग के डारा हिल हिल चमकत हे
जिन्गी म सुख के फूल फूलत हावे
छूवत रहय अँचरा के छोर l

चंद्रकला त्रिपाठी:-

आया सावन अति मनभावन
उमड़ घुमड़ कर बरसा पानी
सूखे वस्त्र त्याग धरा ने
ओढ़ी चूनर धानी
हरी चुनरिया ओढ के धरती
घूंघट में शरमाई
उठा के घूंघट धरती माता
मंद मंद मुस्काई l

60 से अधिक कवियों ने दी प्रस्तुतियां

काव्य गोष्ठी में प्रदीप जोशी, राजकुमार धर द्विवेदी, यतीश श्रीवास्तव, डॉ महेंद्र ठाकुर, टी के भोई, डॉ कमल वर्मा, मधु तिवारी, रामचंद्र श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, ऋषि कुमार साव, अमिताभ कुमार दीवान, शिवानी मैत्रा, चेतन भारती, लतिका भावे, राजेंद्र रायपुरी, भूपेंद्र कुमार शर्मा, मन्नूलाल यदु, जागृति मिश्रा, तुलसी साहू, वीरेंद्र शर्मा ‘ अनुज ‘ , सुषमा पटेल, जितेंद्र कुमार वर्मा ‘ वैद्य ‘, राहुल साहू, बिनॉय आद्या, मुकुंद शिलेदार, ईश्वर साहू बंधी, नीता गुप्ता, आरव शुक्ला, योगेश्वर सिंह राठौर, प्रतीक कश्यप, विवेक भट्ट, अनिल राय, अदिति तिवारी, कमल सूर्यवंशी, सुषमा बग्गा, रवि कुमार देवांगन, दिव्यांका पुरोहित, गोविंद धनगर, किरणलता वैद्य, इंद्रदेव यदु, रुनाली चक्रवर्ती, चंद्रकला त्रिपाठी, तामेश्वर साहू, सत्येंद्र तिवारी सकुति, मोहन कुमार निषाद, बलजीत कौर सब्र, सूरज प्रकाश, राकेश निषाद, कुमार जगदलवी, डॉ गोपा शर्मा, मिनेश कुमार साहू, कमलेश अग्रवाल , डॉक्टर चंद जैन अंकुर, अश्वनी विश्वकर्मा सहित 60 से अधिक कवियों ने प्रस्तुतियां देकर तालियां बटोरी l वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू द्वारा प्रस्तुत आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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