राजिम विधायक की फिर एक बार मानवीय पहल: सड़क दुर्घटना में मृत दंपत्ति के बच्ची के इलाज हेतु की समुचित व्यवस्था
10 हजार नगद सहायता एवं शासन से अविलंब मदद का निर्देश

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– कहते हैं, मानवता से बड़ा धर्म नहीं और सेवा से बड़ा कर्म नहीं। इस ध्येय वाक्य को राजिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित साहू ने चरितार्थ करके दिखाया है। सेवा को अपने जीवन का मूलमंत्र मानने वाले विधायक साहू ने रक्षाबंधन के दिन पाण्डुका क्षेत्र के ग्राम रजनकटा के समीप हुए सड़क हादसे में अपने माता-पिता को खो चुकी दो वर्षीय मासूम बच्ची के इलाज के लिए मानवीय पहल करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को वस्तुस्थिति से अवगत कराया तथा रायपुर के बड़े चिकित्सा संस्थान में इलाज की समुचित व्यवस्था हेतु आग्रह किया। जिस पर मंत्री जायसवाल ने त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।
बता दे कि धमतरी जिले के कुरुद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बारना निवासी मनोज पटेल एवं मनीषा पटेल दंपत्ति सपरिवार अपनी बहन के घर पाण्डुका क्षेत्र के ग्राम खट्टी जा रहे थे। रास्ते में ग्राम रजनकटा और पाण्डुका के बीच मोड़ के पास सड़क दुर्घटना में दोनों की दुःखद मृत्यु हो गई तथा दो वर्षीय बच्ची घायल अवस्था में नवापारा के निजी अस्पताल में भर्ती कराई गई थी।
10,000 की नगद सहायता राशि
घटना की सूचना मिलते ही विधायक रोहित साहू प्रशासन की टीम के साथ अस्पताल पहुँचे, बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी ली, तत्काल ₹10,000 की नगद सहायता राशि प्रदान की तथा आरबीसी 6.4 के तहत शासन से अविलंब आर्थिक सहायता दिलाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी को आदेश दिया। विधायक साहू की सेवा भावना से प्रभावित होकर हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी इलाज में अब तक हुए सभी खर्च में छूट देते हुए मानवीयता दिखाई।
इस अवसर पर समाजसेवी एवं भाजपा पदाधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें भाजपा जिला महामंत्री चंद्रशेखर साहू, पटेल कोसरिया मरार समाज जिलाध्यक्ष सोमनाथ पटेल, किशोर साहू,भुखन पटेल, भाजपा मंडल महामंत्री पाण्डुका किशन कंडरा शामिल रहे। प्रशासन की ओर से एसडीएम विशाल महाराणा, बीएमओ डॉ. वीरेंद्र हीरौंदिया, थाना प्रभारी अमृत साहू सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे। आपको यह भी बता दे कि इस घटना का सबसे पहले छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज ने प्रकाशन किया था। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें)
बच्चे भगवान के स्वरूप
विधायक साहू ने कहा कि बच्चे भगवान के दूसरे स्वरूप होते हैं। यह अबोध बालिका, जो अभी ठीक से बोलना भी नहीं सीखी है, और उसके माता-पिता का एक साथ देहावसान हो गया। यह अत्यंत दुखद है। इस बच्ची के सामने जो दु:ख आ खड़ा हुआ है, उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। इस बच्ची की सेवा का सौभाग्य मुझे मिला है और मैं यथासंभव हर सहयोग प्रदान करूंगा।
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