राजिम ब्रेकिंग: इलाज के आढ़ में धर्मांतरण का खेल, शैतान का डर दिखाकर बनाया बंधक, गलत उपचार से युवती की दर्दनाक मौत
चमत्कारी तेल और गरम पानी डालकर आरोपी पैरो से मृतिका के पूरे शरीर को मसलती थी ,पसली टूटी

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राजिम क्षेत्र से एक बड़ी खबर आ रही है जहां इलाज के आढ़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। वहीं इलाज के दौरान एक युवती की मौत हो गई है जिसके बाद यह मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि यह कथित दवाखाना भी अवैध जगह पर संचालित किया जा रहा है। मामला राजिम थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार राजिम थाना क्षेत्र के सुरसाबांधा में एक महिला तंत्र मंत्र द्वारा इलाज का दावा कर लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करती थी। कई ग्रामीण इसके चंगुल में फंस भी चुके है। यह मामला प्रकाश में तब आया है जब इलाज के लिए महासमुंद जिले के पचेड़ा से पहुंचे एक युवती की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इन लोगों को लगभग 3 माह से शैतान का डर दिखाकर उस जगह पर इलाज करवाने के लिए बाध्य किया जाता था। वहीं कल गुरुवार 22 मई दोपहर लगभग 2 बजे युवती की मौत हो गई।

युवती की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में इलाज करने वाली महिला ईश्वरी साहू को गिरफ्तार कर बंधक बनाने और धर्मांतरण का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाही कर रही है। आज नाबालिक का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
शैतान का डर दिखाकर बनाया बंधक

मृतिका योगिता सोनवानी की मां सुनिता सोनवानी ने बताया कि उसकी बेटी मानसिक रूप से अस्वस्थ थी जिसका इलाज वह रायपुर में करवा रही थी ज्यादा पैसा खर्च होने पर उसे महासमुंद इलाज के लिए ले गई। वहाँ उसे पता चला कि सुरसाबाँधा में आयुर्वेद पद्धति से इलाज होता है और वह यहीं चंगुल में फंस गई। जहां “इलाज” के नाम पर एक महिला ईश्वरी साहू ने उन्हें बाइबल पढ़ाने, प्रार्थना करवाने और शैतान भगाने का अंधविश्वासी तरीका बताया।
मृतका के स्वास्थ्य पर सुधार न होते देख परिजन वापस ले जाने को कहते तो उन्हे शैतान का डर दिखाकर बंधक बनाए रखा। आरोपी मृतका की मां को ईसाई धर्म स्वीकार करने का दबाव बनाती रही तब उन्होंने कहा कि बच्ची के ठीक हो जाने के बाद ईसाई धर्म स्वीकार करूंगी।

परिवार का दावा है कि तीन महीनों तक माँ-बेटी को बंधक बना कर रखा गया। न दवा थी, न डॉक्टर – बस एकांत में कथित प्रार्थनाएं होती रहीं। हालत बिगड़ने पर भी योगिता को अस्पताल नहीं ले जाया गया और अंततः उसकी मौत हो गई। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि गांव में नियमित रूप से ‘चंगाई सभा’ होती है, जहां बाइबल और प्रभु की प्रार्थना के ज़रिये इलाज का दावा किया जाता है। जब माँ सुनीता ने स्थानीय लोगों की मदद से मामले को उजागर किया और राजिम थाना पहुंचीं।
पैरो से मसलती थी शरीर को
उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी पुत्री की मानसिक स्थिति ठीक नही होने के कारण सुरसाबांधा निवासी ईश्वरी साहू के पास पूजापाठ के माध्यम से उपचार करवा रही थी। आरोपी महिला ईश्वरी साहू के द्वारा प्रार्थिया की पुत्री को अपने घर सुरसाबांधा में रख कर उपचार के बहाने डारा धमका कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करती थी। जो पीड़िता के उपर आर्युवेदिक उपचार के बहाने चमत्कारी तेल और गरम पानी डालकर अपने पैरो से मृतिका के पूरे शरीर को मसलती थी और ईसाई धर्म का प्रार्थना करवाती थी।
पीएम रिपार्ट में पसली की हड्डी टुटने का जिक्र

उपचार के दौरान पीड़िता की मृत्यु होने से थाने में मर्ग कायम कर शार्ट पीएम रिपार्ट प्राप्त किया गया। पीएम रिपार्ट में पसली की हड्डी टुटने एवं दबाव के कारण मृत्यु होना लेख किया गया है। जिस पर धारा 105 बीएनएस एक्ट जोडी गई। इस तरह प्रार्थिया की रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टिया अपराध धारा छ.ग. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 की धारा 4 व औषधी और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम 1954 की धारा 7 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी ईश्वरी साहू पति सेवक राम साहू उम्र 41 वर्ष निवासी सुरसाबांधा थाना राजिम जिला गरियाबंद को समक्ष गवाहन के विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
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