मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के पास हुई ट्रेन दुर्घटना पर जताया गहरा दु:ख, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग प्रदान करने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने बिलासपुर कलेक्टर से बात कर दुर्घटना की ली जानकारी

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर जिले के पास हुई ट्रेन दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इसे अत्यंत दुखद घटना बताया और कहा कि इस दुर्घटना में प्रभावित परिवारों के प्रति राज्य सरकार पूरी संवेदना के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने दूरभाष पर बिलासपुर जिला कलेक्टर से बात कर घटना की विस्तृत जानकारी लेते हुए प्रभावितों की  सहायता के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए तथा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाए।

स्थिति पर नजर रखे हुए है

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी कि  रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गई हैं और राहत-बचाव कार्यों में जुटी हैं। घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और उनके परिजनों को इस दुखद समय में धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

जानिए पूरा घटनाक्रम

बिलासपुर रेल मंडल में बिलासपुर से रायगढ़ जा रही पैसेंजर ट्रेन (मेमू) ने गटौरा स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन का इंजन और पहला डिब्बा सीधे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। इस भीषण रेल हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। हादसे में 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक यात्री घायल हुए हैं। इनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।

यात्रियों की चीख-पुकार से गूंज उठा इलाका

यह दुर्घटना शाम लगभग 4 बजे गटौरा और बिल्हा स्टेशन के बीच हुई है। रायगढ़ की ओर जा रही यह लोकल ट्रेन लगभग 77 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी थी, जब उसे सामने खड़ी मालगाड़ी नहीं दिखी। अचानक हुए टकराव से ट्रेन का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज धमाके जैसी आवाज़ आई, और ट्रेन के पहले दो कोच ऊपर चढ़ गए। मौके पर यात्रियों की चीख-पुकार से पूरा इलाका गूंज उठा।

गांववालों ने बताया कि हादसे के बाद हालात भयावह थे। मेमू ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ा हुआ है, और यात्री कोच झुक गए हैं। लोग खिड़कियाँ तोड़कर बाहर निकल रहे थे। स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को निकालने में बड़ी भूमिका निभाई। कई लोगों ने अपनी गाड़ियों में घायलों को अस्पताल पहुँचाया।

शुरुआती जांच में क्या पता चला

रेलवे अधिकारियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है कि ट्रेन ने लाल सिग्नल पार किया (Signal Passed At Danger – SPAD)। हालांकि, तकनीकी जांच में यह भी सामने आया है कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी हो सकती है, जिससे चालक को सही संकेत नहीं मिला। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) और बिलासपुर मंडल के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर डाटा लॉगर और सिग्नल रिकॉर्ड जब्त कर चुके हैं। अधिकारी का कहना है – डाटा एनालिसिस के बाद ही घटना वास्तविक सामने आएगा। मानव त्रुटि और तकनीकी दोनों पहलुओं की जांच हो रही है।

राहत और बचाव कार्य

दुर्घटना के तुरंत बाद रेलवे पुलिस, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने राहत-बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को ब्प्डै बिलासपुर, अपोलो हॉस्पिटल, रायपुर और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

मृतक और घायलों को मिलेगा सहायता राशि

दुर्घटना के बाद रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख मुआवजा, गंभीर घायलों को 5 लाख रुपए और सामान्य घायलों को 1 लाख सहायता राशि देने की घोषणा किया है। वहीं मुख्यमंत्री ने भी घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।

ट्रेन संचालन पर असर

हादसे के कारण बिलासपुर-रायगढ़ रेलखंड पर आवागमन ठप हो गया। कई ट्रेनों को दुर्ग, रायपुर, खरसिया, और भिलाई मार्ग से डायवर्ट किया गया। रेलवे टीम रातभर ट्रैक क्लियर करने में जुटी रही। बुधवार सुबह तक एक लाइन बहाल कर दी गई, लेकिन ट्रेनों की देरी अब भी जारी है।

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