युवती से 2 साल तक बनाते रहा शारीरिक संबंध, 8 माह की गर्भवती होने पर प्रेमी के परिजनों ने करा दिया गर्भपात, उपसरपंच समेत 3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गर्भवती युवती का गर्भपात कराने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि युवती के प्रेमी ने 2 साल तक उससे शारीरिक संबंध बनाया। इस दौरान वह 8 माह की गर्भवती हो गई। इसी वर्ष जुलाई माह में प्रेमी के परिजनों ने जबरन गर्भपात की गोलियां खिला दीं। गर्भपात के बाद परिजनों ने उसके बच्चे को मृत घोषित कर कहीं दफना दिया। युवती ने मामले की शिकायत सरगुजा एसपी से की। पुलिस ने उपसरपंच समेत तीन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

दअरसल, सरगुजा जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मलगवां खुर्द निवासी मनीष यादव का युवती से प्रेम प्रसंग था। युवती ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि मनीष ने शादी का झांसा देकर 17 सितंबर 2022 से उसके साथ शारीरिक संबंध बना रहा था। इस बीच युवती गर्भवती हो गई। युवती ने इस बात की जानकारी प्रेमी मनीष को दी।

युवती जब 8 माह की गर्भवती थी, तो मनीष ने अपने मामा सहित अन्य परिजनों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मनीष के परिजनों ने लगातार गर्भपात कराने युवती पर दबाव बनाया और युवती को धमकी दी। बताया जा रहा है कि परिजनों ने युवती को गर्भपात कराने पर उसकी शादी मनीष से कराने का झांसा दिया। युवती को गुमराह करते हुए मनीष यादव की शादी दूसरे लड़की से करा दी गई।

जबरदस्ती खिलाई गर्भपात की दवा

युवती ने अपने शिकायत में बताया कि उपसरपंच कृष्णा यादव, संतोष यादव और पार्वती यादव ने 1 जुलाई को सुबह 8 बजे सोनोग्राफी कराने के बहाने अपने साथ ले गए। इधर-उधर घूमाने के बाद दोपहर एक बजे अपने घर में ले गए। वहां उसे गर्भपात की 3 गोलीयां जबरदस्ती खिला दी। युवती ने बताया कि वह गर्भपात की गोली खाने से मना करती रही। इस दौरान संतोष यादव ने गर्भपात की 3 गोलियां उसके मुंह में रख दी और पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव ने स्प्राइट पिला दिया। दूसरे दिन सोनोग्राफी कराने का भरोसा देकर उसे सुला दिया।

रात को पेट दर्द, सुबह बच्चे को दिया जन्म

युवती कृष्णा यादव के मकान मलगवां खुर्द में रात भर रही। रात में उसके पेट में काफी दर्द हुआ और सुबह प्रसव हो गया। युवती का आरोप है कि उसने बच्चे को हिलते देखा, लेकिन दर्द से अचेत हो गई। फोन पर नवजात की फोटो भी खींची। बच्चे को वेंटिलेटर में रखना बताकर उपसरपंच सहित तीनों आरोपी नवजात शिशु को लेकर चले गए। जंगली जड़ी-बूटी से इलाज के दौरान युवती की हालत खराब हो गई। उपसरपंच और उसके परिवार वाले बच्चे के स्वस्थ होने की जानकारी उसे देते रहे।

पुलिस ने दर्ज किया एफआईआर

लगभग 20 दिन बाद युवती स्वस्थ होकर बच्चे के बारे में पूछी तो इलाज के दौरान बच्चे की मौत होने के बाद दफनाने की बात कही। पीड़ित युवती ने पुलिस से शिकायत करते हुए मांग की है कि उसका नवजात बच्चे का शव दिलाया जाए। जिससे उसका रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके। युवती ने जबरन अबॉर्शन कराने और नवजात शिशु को बिना बताए कहीं ले जाकर मार देने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी कृष्णा यादव, संतोष यादव और पार्वती यादव, मनीष यादव के खिलाफ धारा 3(5), 89, 94 बीएनएस का अपराध दर्ज कर लिया है।

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