आइ फ्लू का कहर: 20 हजार से अधिक केस एक्टीव, रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लिखा पत्र

स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों तथा आश्रम-छात्रावासों को कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए निर्देशित करने कहा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ में आंखों की बीमारी (eye flu) कंजक्टिवाइटिस (पिंक आई) कहर बरपा रहा है। यह बीमारी तेजी से फैल रहा है। जानकारी के अनुसार 20 हजार से अधिक मरीज अब तक मिल चुके हैं। तेजी से फैले वायरस का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर मेडिकल कालेज में सैंपल कल्चर एंड सेंसिविटी जांच के लिए भेजे गए हैं।इधर केंद्र सरकार ने बीमारी के संबंध में राज्य शासन से जानकारी मांगी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस के सैंपल से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि फैल रहा वायरस किस तरह का है। और इसमें किस दवा का उपयोग कारगर साबित होगा। सैंपल रिपोर्ट आज आने की उम्मीद है, जिसमें वायरस से जुड़े सारी रिपोर्ट होंगे।
आपको बता दें कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा है। स्वास्थ्य विभाग शिविरों के माध्यम से जांच, इलाज व जागरूता अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को परिपत्र जारी किया है।

स्वास्थ्य विभाग ने दोनों विभागों को स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों तथा आश्रम-छात्रावासों में कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को इस संक्रमण के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी देने भी कहा है।

संचालक, महामारी नियंत्रण द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को जारी परिपत्र में कहा गया है कि राज्य में मौसम के कारण “आँख आने की बीमारी” (कंजक्टिवाइटिस) बढ़ गई है। यह सम्पर्क से फैलने वाली बीमारी है जो सघन रहवासी क्षेत्र में अधिक फैलता है। राज्य में संचालित विद्यालय, आवासीय विद्यालय, आश्रम-छात्रावास एवं छात्रावास में छात्र-छात्राएं समूह में रहते हैं जिनमें यह बीमारी फैल सकती है। उन्होंने दोनों विभागों द्वारा संचालित संस्थाओं में इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है।

ये है लक्षण

संचालक, महामारी नियंत्रण ने अपने परिपत्र में कंजक्टिवाइटिस के लक्षणों, उपचार और इससे बचाव के बारे में भी जानकारी दी है। उन्होंने परिपत्र में कहा है कि कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है जिसे हम आँख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आँख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आँसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है।

इन आई ड्रॉप का करे उपयोग

कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन (Gentamicine), सिप्रोफ्लॉक्सिन (Ciprofloxacine), मॉक्सीफ्लॉक्सिन (Moxifloxacin) आई ड्रॉप आँखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। कंजक्टिवाइटिस की जाँच एवं उपचार की सुविधा चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है।

डरने की नहीं है जरूरत

कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आँखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आँख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है।

पढे पूरी खबर :-

कन्जक्टिवाइटिस : तेजी से फैल रहा आई फ्लू ,रखे ये सावधानी ,जानिए इसके कारण और एक्सपर्ट की राय

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error:
Parineeti Raghav Wedding : परिणीति राघव हुए एक-दूजे के , सामने आई ये शानदार फ़ोटोज janhvi kapoor :जान्हवी कपूर की ये लुक , नजरे नहीं हटेंगी आपकी Tamanna bhatia : तमन्ना भाटिया ने फिल्म इंडस्ट्री में पूरे किए 18 साल भूतेश्वरनाथ महादेव : लाइट और लेजर शो की झलकिया Naga Panchami : वर्षों बाद ऐसा संयोग शिव और नाग का दिन Belpatra Khane Ke Fayde : सेहत के लिए है भगवान शिव का वरदान Bhola Shankar Film