एचएमपी वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं, लक्षणों एवं प्रभावों के बारे में किया जा रहा है अध्ययन, लेकिन वायरस से बचने के लिए करें यह उपाय
सरकार पूरी तरह से अलर्ट, 5 सदस्यीय टीम देगी HMPV को लेकर अपना अभिमत

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के संबंध में वर्तमान / अद्यतन स्थिति पर सतत् निगरानी बनाए रखने हेतु एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है।
HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरूकता एवं आगामी कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक सुझाव एवं दिशा निर्देश तैयार किए जाने हेतु इस तकनीकी समिति का गठन किया गया है। इस समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ.एस.के. पामभोई अध्यक्ष के रूप में हैं। इनके साथ सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी श्रीमती आकांक्षा राणा तथा राज्य सलाहकार आईएसडीपी सुश्री चयनिका नाग शामिल हैं। यह तकनीकी समिति राज्य में HMPV के संबंध में समय-समय पर अपना प्रतिवेदन अभिमत स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत करेगी।
सरकार पूरी तरह से अलर्ट
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। कोरोना महामारी के बाद से ही किसी भी प्रकार के आपात स्थिति को लेकर स्वास्थ्य अमला तैयार है। स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों की टीम वायरस के बारे में निगरानी रख रही है। इसके लक्षण और प्रभाव के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, सावधानी बहुत बरतना जरूरी है। आम जनता स्वच्छता पर जोर दे। हमारी पूरी कोशिश है कि इस वायरस को रोके और साथ ही इससे लड़ने के लिए जनता को भी जागरूक करें।
HMPV के लक्षण
HMPV (ह्यूमन मेटानेमोवायरस) वायरस, जो रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का कारण बनता है, ने पहली बार भारत में दस्तक दी है। यह वायरस खासतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
HMPV वायरस के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज सुनाई देने जैसे लक्षण उभर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार लगभग 10-20% संक्रमित मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं। केवल 5% मरीजों में ऑक्सीजन की कमी की समस्या हो सकती है, और ये वही लोग हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर है।
2001 में पहली बार सामने आया था वायरस
HMPV वायरस का पहली बार पता 2001 में चला था, लेकिन हाल के दिनों में यह चीन में तेजी से फैल रहा है। चीन ने इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू किए हैं, जिनमें मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और नियमित सैनिटाइजेशन शामिल है।
सतर्कता की जरूरत
भारत में भी विशेषज्ञों ने एहतियाती उपायों को अपनाने की सलाह दी है, विशेषकर सर्दी-खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण वाले मरीजों के लिए सतर्कता ज्यादा जरूरी है। बचाव के लिए मास्क का नियमित उपयोग करें। सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ से बचें। हाथों को बार-बार धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। बच्चों और बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच करवाते रहें।
विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन बुजुर्गों और बच्चों को सर्दी-खांसी की समस्या पहले से है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। समय पर डॉक्टर से संपर्क करें और किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें। HMPV वायरस से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
वायरस से बचने के लिए ये करें
विशेषज्ञों के अनुसार एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए भीड़ वाली जगह से दूरी बना कर रखें, सर्दी खांसी बुखार वाले मरीजों के के संपर्क में नहीं आएं, सर्दी खांसी बुखार के लक्षण पर तत्काल स्थानीय अस्पताल में जांच कराएं। ताकि किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। खांसते व छींकते समय मुंह व नाक को रूमाल से ढंके, अपने हाथों को साबुन एवं सेनेटाइजर से साफ करते रहें, यदि बीमार हैं तो घर पर रहें, ज्यादा पानी पीएं एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
ये काम न करें
सर्दी, खांसी व बुखार होने पर अथवा सामान्य स्थिति में भी टिशू पेपर का दोबारा इस्तेमाल न करें। बार-बार आंख नाक व मुंह को न छूएं । सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें तथा डाक्टर से सलाह लिए बिना किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें।
गौरतलब है कि एचएमपी वायरस खांसने, छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने अथवा नजदीकी संपर्क में आने , दूषित सतह पर हाथ लगाने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है। सर्दी, खांसी, बुखार तथा सर्दियों में सांस लेने में परेशानी इसके सामान्य लक्षण हैं। कुछ गंभीर केसेस में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस भी इस बीमारी के लक्षण हैं।
देश के कुछ राज्यों में इसके मरीज मिलने की सूचना मिलते ही राज्य के स्वास्थ्य विभाग का अमला अपनी तैयारी में जुट गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है जो आम तौर पर सर्दी के दिनों में दिखाई पड़ता है।
छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/JMN3hOxWi777B1QljQHV9e