नवापारा में निकाली गई ऐतिहासिक ‘‘सिंदूर यात्रा’’: बड़ी संख्या में महिलाएं हुई शामिल

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– भारतीय सेना के अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान को सलाम करते हुए नवापारा में ऐतिहासिक ‘‘सिंदूर यात्रा’’ निकाली गई। यह यात्रा नगर पालिका भवन से प्रारंभ होकर गंज रोड, पंजवानी चौक होते हुए नेहरू गार्डन पहुंची। इस यात्रा में पालिका के जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारी के अलावा स्व सहायता समूहों की महिलाओं, आम गृहणियों, महिला जनप्रतिनिधियों, महिला संगठनों, एनजीओ, एनयूएलएम के साथ बड़ी संख्या में मातृ शक्ति उपस्थित थी।
इस यात्रा के पूर्व नगर पालिका भवन के सभाकक्ष में उपस्थित सभी महिलाओं को सिंदूर वितरण किया गया। यात्रा में सभी मातृ शक्तियों ने लाल परिधान पहनकर भाग लिया। यह ‘‘सिंदूर यात्रा’’ जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दाेष सैलानियों की बर्बर हत्या के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक और आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई के समर्थन में निकाली गई। देश के नेतृत्व और सेना के शौर्य ने दुनिया को नए भारत की ताकत दिखा दी है। रैली के दौरान भारत माता की जय और अमर शहीदों की जय के नारे लगाए गए। पाकिस्तान विरोधी नारों से वातावरण गुंजायमान रहा।
नारी शक्ति सिंदूर की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में साथ खड़ी है
इस दौरान उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि आज हम उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए और आतंकवाद के खिलाफ सेना के हर कदम का समर्थन करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारतीय नारी के सम्मान और सेना के अद्वितीय पराक्रम का प्रतीक है। इस देश की नारी शक्ति सिंदूर की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में साथ खड़ी है और जरूरत पड़ी तो हथियार उठाने से भी पीछे नहीं हटेगी। कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर ने पूरे देश को गर्व से भर दिया है। यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की शक्ति, एकता और आत्मबल का प्रतीक है।
अहिल्या बाई की स्मृति कार्यशाला का आयोजन
यह यात्रा सामुदायिक भवन पहुंचकर समापन किया गया। सामुदायिक भवन में अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी स्मृति कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष संध्या राव ने कहा उन्होंने अपने शासनकाल में काशी, अयोध्या, केदारनाथ सहित देशभर के 3175 धार्मिक स्थलों का जीर्णाेद्धार कराया। वे परम शिवभक्त थीं। मात्र 10 वर्ष की उम्र में उनका विवाह मल्हार राव होलकर के पुत्र से हुआ।
पति और पुत्र के निधन के बाद उन्होंने राज्य की बागडोर संभाली। शासन को समृद्ध बनाया। गरीब बेटियों की शादी करवाई। भोजनालय और तालाब बनवाए। जनकल्याण के कई कार्य दान के माध्यम से कराए। 26 वर्षों तक शासन किया। उनके काल में राज-व्यवस्था, न्याय व सुशासन की मिसाल कायम की। सभा को नपा अध्यक्ष ओमकुमारी साहू, नपा उपाध्यक्ष भूपेंद्र सोनी ने भी संबोधित किया।
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