सावन का पवित्र महीना शुरू: पहले दिन श्री कुलेश्वर नाथ का हुआ भव्य श्रृंगार, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– सावन का पवित्र महीना शुक्रवार 11 जुलाई से शुरू हो गया है। सावन के महीने में शिव भक्त कावड़ यात्रा भी निकालते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। सावन के पहले दिन से ही शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है।

पहले दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और जलाभिषेक के लिए सुबह से ही मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ रही। शिवालयों और मंदिरों में हर-हर महादेव और बोल बम की गूंज सुनाई दी। सावन का महीना शुरू होते ही शहर के सभी मंदिरों को लाइटों और फूलों से सजा दिया गया है। इस बार सावन के महीने में चार सोमवार होंगे, पहला सोमवार 14 जुलाई, दूसरा 21 जुलाई, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सोमवार 4 अगस्त को होगा।

कुलेश्वर महादेव में उमड़ी भक्तों की भीड़

त्रिवेणी संगम के बीच स्थित भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में आज सुबह भक्तों की भीड़ रही। पैरी, सोंढूर और महानदी के पावन संगम पर बने इस ऐतिहासिक मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जो रात तक जारी रही। शिव भक्तों ने दूध, दही, घी, जल, शहद, बेलपत्र, फल-फूल चढ़ाकर आशीर्वाद लिया। भगवान कुलेश्वर नाथ का भव्य श्रृंगार किया गया, जिसमें बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल व अन्य पूजन सामग्री से महादेव की पूजा-अर्चना की गई। मंदिर परिसर को फूलों और रंगोली से सजाया गया, जिससे भक्ति का माहौल और भी मनमोहक हो गया। मंदिरों में घंटियों, घड़ियालों, शंख और झालरों के बीच भोलेनाथ के उद्घोष से माहौल भक्तिमय बना रहा।

माता सीता ने वनवास काल में की थी पूजा

स्थानीय पंडितों के अनुसार, श्री कुलेश्वर नाथ मंदिर रामायण काल से संबंधित है। मान्यता है कि माता सीता ने वनवास के दौरान रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की पूजा की थी। यह मंदिर आठवीं शताब्दी की स्थापत्य कला का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान देश भर से श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए पहुँचते हैं।

कांवड़ियों के लिए विशेष व्यवस्था

आज के दिन शिववास योग होने के कारण पूजा का विशेष महत्व रहा। भक्तों ने जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और अन्य अनुष्ठानों के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने श्री कुलेश्वर नाथ जी के साथ साथ भगवान राजीव लोचन के भी दर्शन का लाभ लिया। 

मंदिर परिसर में मौजूद एक भक्त ने बताया कि सावन में कुलेश्वर नाथ जी के दर्शन से मन को शांति मिलती है और सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। मंदिर समिति ने बताया कि सावन माह में पड़ने वाले चार सोमवार व्रत और अन्य त्योहारों के लिए विशेष तैयारियाँ की गई हैं। कांवड़ यात्रा के लिए भी व्यवस्थाएँ जोरों पर हैं। मंदिर के आसपास भक्ति और उत्साह का माहौल है, जो पूरे सावन माह तक बना रहेगा।

मंदिर तक पहुँचने का मार्ग जर्जर, श्रद्धालुओं को होगी परेशानी

सावन माह में भगवान श्री कुलेश्वरनाथ महादेव के दर्शन-पूजन के लिए अंचल के साथ-साथ अन्य प्रदेश के कई जिलों एवं अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालुओं और कांवड़ियों के जत्थे पहुँचते हैं। आपको बता दें कि मगरलोड-नवापारा मार्ग से कुलेश्वर मंदिर जाने वाली सड़क बेहद जर्जर हालत में है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। खासकर कांवड़ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को ज्यादा दिक्कत होगी। क्योंकि कांवड़ियों का जत्था नंगे पैर ही भोलेनाथ के दरबार तक पहुंचेगा।

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