छापा मारने पहुंची खनिज विभाग की पूरी टीम, खाली हाथ लौटी, सिर्फ रैंप तोड़ने की कार्रवाई कर की खानापूर्ति

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा क्षेत्र में रेत का अवैध खनन और परिवहन का काला कारोबार दिनों दिन बढ़ते ही जा रहा है। खनिज विभाग द्वारा नाम मात्र की कार्रवाही की जा रही थी। रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने संज्ञान लेते हुए खनिज अधिकारियों को कार्रवाही करने के कड़े निर्देश दिए। जिस पर अमल करते हुए खनिज विभाग के अधिकारी पूरी टीम लेकर नवापारा क्षेत्र के लखना ग्राम पहुंची। परंतु टीम के हाथों कुछ भी नहीं लगा। सिर्फ रैंप को तोड़ने की कार्रवाई कर स्वयं अपनी पीठ थपथपा ली।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के दुलना, लखना सहित अनेक घाटों में रेत का अवैध खनन किया जाता है। जिसकी ना तो विभाग से कोई अनुमति ली गई है और ना ही रायल्टी जमा की गई है। बार बार अवैध रेत खनन की शिकायत होने पर कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव सिंह के कड़े आदेश के परिपालन में उप संचालक खनिज के.के गोलघाटे के नेतृत्व में पूरी टीम सोमवार को लखना रेत खदान में प्रातः 11 बजे पहुंची। परंतु रेत माफियाओं को इस बात की खबर लगते ही मौके से सभी मशीनों और वाहनों को गायब कर दिया गया। छापा मारने पहुंची टीम के हाथों कुछ भी नहीं लगा। कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों ने घाट में बने रैम को जीसीबी मँगवा कर 13 स्थानों से काट दिया और खाली हाथ वापस लौट गए।
तगड़ा नेटवर्क या प्रशासन की लापरवाही
इससे इतना तो स्पष्ट है कि या तो रेत माफियाओं का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि प्रशासन की प्रत्येक कार्रवाई की भनक इनको पहले ही लग जाती है या प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत है कि कुछ भी हाथ नहीं लगता। कार्रवाई के पहले ही मशीनों और वाहनों को मौके से हटा लिया जाता है। इस काम में लगे कुछ लोगों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि सब सेटिंग का खेल है।
ये अधिकारी कर्मचारी रहे मौजूद
उप संचालक खनिज के के गोलघाटे, सहायक खनिज अधिकारी उमेश भार्गव, खनिज निरीक्षक जागृत गायकवाड़ व स्तुति निगम, सर्वेयर रघुनाथ भारद्वाज, सुपरवाइजर सुनीलदत्त शर्मा, सैनिक बेलचंदन, केशरवानी, जितेंद्र, गोलू वर्मा, दया साहू, लुकेश वर्मा, रिजवान खान सम्मिलित थे।
बता दे कि अवैध रेत उत्खनन व परिवहन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनिज विभाग की कार्रवाई के बाद भी रेत माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। उच्च अधिकारियों द्वारा कड़े निर्देश के बाद खनिज विभाग भी इन पर शिकंजा कसने कोशिशें कर रही है, लेकिन रेत माफिया काला कारोबार करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
खनिज विभाग कार्रवाही कर जुर्माना भी ठोंक रही है, लेकिन बताया जाता है कि रेत के कारोबार में काली कमाई इतनी है कि वे 30 दिन 24 घंटे काला कारोबार कर रहे हैं और एक दिन पकड़े जाते हैं तो एक दिन की कमाई नहीं सहीं। मिली जानकारी के अनुसार ये एक दिन में 15 से 20 हजार रुपए की कमाई करते है इस हिसाब से 30 दिन में 5 से 6 लाख तक की कमाई कर रहे है। यदि एक दिन पकड़े भी जाते हैं तो उन्हें 10-20 हजार रुपए से अधिक जुर्माना नहीं पड़ता। इसलिए उन्हें कार्रवाई से कोई फर्क नहीं पड़ता।
बड़ी कार्रवाही की जरूरत
इन्हे रोकने के लिए किसी बड़ी और लगातार कार्रवाही की जरूरत है। जिससे इनके हौसले पस्त हो। एक दो दिन की कार्रवाही करने के बाद महीनों इस पर ध्यान नहीं दिया जाता। कम चालानी कार्रवाही और रैम्प को पूरी तरह से नष्ट नहीं करने के कारण कार्रवाही के कुछ ही घंटों बाद पुनः निर्माण कर यह काला धंधा फिर से शुरू हो जाता है।
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