परसदा (सोंठ) के सरपंच की ग्रामीणों ने की एसडीएम अभनपुर से शिकायत, आर्थिक अनियमितता के चलते बर्खास्त करने की मांग

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- ग्राम पंचायत परसदा (सोंठ) की सरपंच महेश्वरी तिलक साहू के द्वारा पंचायत में घोर लापरवाही तथा गंभीर अनियमितताएं की 12 बिंदुओं में शिकायत ग्रामवासियों द्वारा एसडीएम अभनपुर से कर सरपंच महेश्वरी साहू को पदमुक्त करने की मांग की गई है।
क्या है आरोप
शासकीय जमीन की कौहा, बबूल का झाड करीब 40,000/- अक्षरी चालीस हजार रूपये का बेचकर अपने निजी हित में खर्च किया है जिससे पंचायत को आर्थिक क्षति हुई है। शिकायतकर्ता के अनुसार महेश्वरी साहू सरपंच पद पर रहते हुए महिला स्व सहायता की आड़ में स्वयं पूर्व मा. शाला में रसोईयों का काम, स्वच्छता समिति का सदस्य बनकर तथा मछली पालन का कार्य एवं गौठान में भी कार्य कर व्यक्तिगत लाभ अर्जित कर रही है। सरपंच के इस कृत्य से अन्य महिला समूह शासन के योजनाओं से वंचित है, जिसके संबंध में ग्रामीण जनो द्वारा संबंधित उच्चाधिकारियो को शिकायत कर सरपंच महेश्वरी साहू को पदमुक्त करने की मांग की गई है।
शासकीय भूमि में कब्जा कर बनाया घर और कर रहे खेती
शिकायतकर्ताओ ने अपने शिकायती ज्ञापन में कहा है कि महेश्वरी तिलक साहू द्वारा सरपंच पद पर होते हुए शासकीय घास जमीन जिसका ख.नं. 1405 रकबा 0.930 है. पर अतिक्रमण कर धान का फसल लिया जा रहा है जिसको तत्काल बेदखल किया जावे। सरपंच महेश्वरी साहू पति तिलक साहू के नाम से प्रधान मंत्री आवास स्वीकृत कराकर शासकीय घास जमीन में मकान बनवाया है जबकि इनके दो-दो पक्के मकान पूर्व से है।
बिना अनुमति लिए काट डाले पेड़
पूर्व माध्यमिक शाला के कृषि भूमि एवं परसदा नवागांव मार्ग पर शासकीय भूमि की बबूल, कौहा का बड़ा झाड करीब 40,000/- अक्षरी चालीस हजार रूपये का बिना विभागीय अनुमति के काटकर एक निजी व्यक्ति को बेच दिया है। उक्त राशि को अपने स्वयं के निजी उपयोग कर पंचायत को आर्थिक क्षति पहुंचाया है।
मध्यान्ह भोजन संचालित कर रसोइया बन ले रही लाभ
सरपंच महेश्वरी साहू अपने ही परिवार की महिलाओं को शामिल कर महिला समूह बनाकर स्वयं पूर्व माध्यमिक शाला में मध्यान्ह भोजन संचालित कर रसोईया का काम कर रही है। बच्चो को दिये जाने वाले भोजन गुणवत्ताहीन है, सरपंच महोदया रसोईया के रूप में 2,000/- अक्षरी दो हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय प्राप्त कर रही है। इसके साथ ही स्वयं स्वच्छता समिति की सदस्य बनकर स्वच्छता मानदेय प्राप्त कर रही है। स्वयं सरपंच पद पर होते हुए अपने पारिवारिक महिला समूह के नाम से मछली पालन के लिए तालाब को लेकर आर्थिक लाभ ले रही है। इसी पारिवारिक महिला समूह को माध्यम बनाकर गौठान में भी पारिश्रमिक अनुदान राशि प्राप्त कर रही थी।
नियम विरुद्ध बनाया फर्जी जाति प्रमाण पत्र
शिकायतकर्ता ग्रामीणो ने बताया कि सरपंच महेश्वरी तिलक साहू ने कोटवार रिखीराम बया की जाति को भी बदलकर फर्जी जाति प्रस्ताव कराकर अनुसूचित जाति का लाभ दिलाने का फर्जी कार्य किया है। कोटवार रिखीराम जिसकी जाति बया है जो अन्य पिछडा वर्ग में आता है जो दाखिला पंजी में भी उल्लेखित है को महार जाति के नाम पर प्रस्तावित कर प्रमाण पत्र जारी किया है।
इस प्रकार से सरपंच महेश्वरी तिलक साहू ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए घोर लापरवाही, अनियमितता कर स्वयं आर्थिक लाभ लेते हुए पंचायत को भी आर्थिक क्षति पहुंचाया है। जिसके संबंध में शिकायत कर सरपंच को तत्काल बर्खास्त करने की मांग अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर से किया है।
सरपंच ने कहा आरोप निराधार
इस मामले में जब प्रयाग न्यूज की टीम ने तिलक साहू सरपंच प्रतिनिधि से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। आवास का मकान हमने अपने व्यारा की जमीन में बनाया है। पेड़ काटने का प्रस्ताव पंचायत में पारित किया गया है। हरे भरे पेड़ को नहीं काटा गया है सूखे पेड़ को ही काटा गया है। लेकिन वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई है। जाति प्रमाण पत्र दाखिले के आधार पर बनाया गया है।
हालांकी इस हेतु कोई कागज उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। अब ग्रामीणों के शिकायत के बाद अधिकारियों द्वारा जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। आगे कुछ महीनों में चुनाव होने वाले है।
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