वन अधिकार पट्टे की माँग पर डटे ग्रामीण: तपती धूप में तंबू तले संघर्ष, सात दिन में सुनवाई नहीं हुई तो रायपुर तक करेंगे पदयात्रा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज)किशन सिन्हा  :– छुरा विकासखंड के ग्राम गोंदलाबाहरा और साजापाली के किसान वन अधिकार पट्टे की वर्षों से लंबित माँग को लेकर 17 अप्रैल से ब्लॉक मुख्यालय स्थित बस स्टैंड पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। परिवार सहित आए ग्रामीण तपती धूप में टेंट के सहारे संघर्ष कर रहे हैं। वे प्रदर्शन स्थल पर ही जैसे-तैसे भोजन बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं।

धरने का नेतृत्व छत्तीसगढ़ किसान संगठन के मन्नुलाल चौहान कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन ग्रामीणों के पूर्वज वर्ष 1980 से पूर्व से ही इस भूमि पर खेती करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें वन अधिकार पट्टा प्रदान नहीं किया गया। जबकि वर्ष 2016-17 में ग्रामसभा ने पात्र किसानों के पक्ष में प्रस्ताव पारित कर पट्टा देने की अनुशंसा की थी। बावजूद इसके, अब तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है।

किसानों की माँग है कि वन विभाग, राजस्व विभाग और आदिवासी कल्याण विभाग मिलकर एक संयुक्त जांच करें और पात्र किसानों को शीघ्र ही पट्टा प्रदान किया जाए। बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के भीतर सुनवाई नहीं हुई, तो सभी ग्रामीण महिला-पुरुष राजधानी रायपुर के लिए पदयात्रा पर निकलेंगे। धरना स्थल पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है,जिसमें महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। किसान संगठन इस आंदोलन को ग्रामीणों की आजीविका और पीढ़ियों के अधिकार से जुड़ा गंभीर मुद्दा बता रहा है।

उचित कार्रवाई की जायेगी

इस पुरे मामले पर छुरा ब्लॉक की नवपदस्थ अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि “इस विषय पर जांच के निर्देश सम्बंधी विभागों को दे दिए गये हैं जल्द से जल्द न्याय और उचित कार्रवाई की जायेगी।”

किसान नेता मन्नुलाल चौहान ने कहा, “हम शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि माँगों की अनदेखी की गई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।” अब तक करीब 40 से अधिक ग्रामीण धरना-प्रदर्शन में भाग ले चुके हैं और आंदोलन के प्रति जनसमर्थन बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में यह आंदोलन अब प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और छत्तीसगढ़ किसान संगठन के बैनर तले यह आंदोलन संगठित रूप से चल रहा है। संघर्षरत ग्रामीणों के अनुसार बीते पंचायत चुनावों के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता के बीच कुछ ग्रामीणों की जमीनों को उनसे छीना गया है आंदोलनकारी इस मुद्दे को भी गंभीरता से उठा रहे हैं और कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। मुख्य रूप से भुवनलाल ध्रुव, चैनसिंह ध्रुव, चिंताराम साहू, मन्नुलाल चौहान, दिनदयाल ध्रुव, कुंवरसिंह चौहान, कमलसिंह ध्रुव एवं अन्य ग्रामीण धरने पर बैठे हैं।

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