शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म, 6 माह की गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, छुरा पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज)किशन सिन्हा :– छुरा थाना क्षेत्र में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें नाबालिग किशोरी के साथ लंबे समय तक जबरन शारीरिक संबंध बनाए जाने का खुलासा हुआ है। इस दौरान युवती गर्भवती भी हो गई। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता की उम्र महज 16 वर्ष है। किशोरी ने पुलिस को लिखित में आवेदन देकर बताया है कि आरोपी किशन गोड पिता भगवानी गोड ने उसे बहला-फुसलाकर शादी करने का झांसा दिया और पत्नी बनाकर रखने की बात कही। इसी बहाने वह लंबे समय तक उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। किशोरी ने अपने शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि इस दौरान वह गर्भवती हो गई है।
अब हालत यह है कि पीड़िता लगभग 6 माह की गर्भवती है। इस परिस्थिति ने न सिर्फ उसके परिवार बल्कि पूरे समाज को गहरी चिंता में डाल दिया है। नाबालिग होने के कारण कानूनन उसकी शादी नहीं हो सकती, वहीं गर्भावस्था के इस दौर में उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ना स्वाभाविक है।
कानूनी प्रावधानों के अनुसार, नाबालिग से जबरन संबंध बनाना, शादी का झांसा देकर शोषण करना और उसके परिणामस्वरूप गर्भवती कर देना, गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। यही वजह है कि किशोरी ने साहस दिखाते हुए छुरा थाना में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया और आरोपी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की।
पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज
छुरा थाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपराध दर्ज कर लिया है। आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 64(2)(ड), (ज), 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, बच्चियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए पॉक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 भी इस मामले लगाई गई हैं। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, फिलहाल पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है और मेडिकल जांच भी कराई गई है। गर्भावस्था की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से भी समन्वय किया जा रहा है, ताकि नाबालिग और उसके शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस घटना ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में सनसनी फैला दी है। लोग इसे सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिकता पर गहरा आघात मान रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नाबालिग बच्चियों के साथ इस तरह का अपराध समाज में भयावह स्थिति की ओर इशारा करता है और ऐसे मामलों में आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। यह मामला न सिर्फ कानून और पुलिस की कसौटी है बल्कि समाज के लिए भी चेतावनी है कि बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा को लेकर लापरवाही घातक हो सकती है।
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